बिहार की सियासत में चिराग पासवान और उनकी पार्टी को लेकर आरजेडी के दावे के बाद चर्चाओं का दौर जारी है। इस बीच, चिराग पासवान ने अमित शाह से मुलाकात की है, जिससे सियासी गलियारों में हलचल मच गई है। इस मुलाकात को लेकर कई अटकलें लगाई जा रही हैं और इसे विरोधियों को एक बड़ा संदेश के रूप में देखा जा रहा है।
Chirag Paswan News: बिहार की सियासत में चिराग पासवान और उनकी पार्टी LJP (R) की गतिविधियों को लेकर विपक्ष के दावे सुर्खियों में हैं। आरजेडी के नेताओं का कहना है कि बीजेपी एलजेपी (R) को तोड़ने की कोशिश कर रही है और जल्द ही चिराग पासवान के सांसद बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। चिराग पासवान ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा है कि उन्हें समाप्त करने की साजिश पहले से चल रही है, लेकिन उन्होंने इसे 'काठ की हांडी' की तरह बताया जो बार-बार नहीं चढ़ती है।
चिराग पासवान ने हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और इस मुलाकात के जरिए उन्होंने एनडीए की मजबूती का स्पष्ट संदेश दिया है। इस मुलाकात की फोटो उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर भी शेयर की है। यह कदम सियासी हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है और इसे चिराग पासवान की सियासी रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जा रहा है।
अमित शाह से की मुलाकात: चिराग
Chirag Paswan ने अमित शाह से मुलाकात की तस्वीर को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर शेयर करते हुए लिखा, "आज नई दिल्ली में देश के गृह एवं सहकारिता मंत्री आदरणीय अमित शाह जी से मुलाकात की. इस दौरान कई राजनीतिक बिंदुओं पर विस्तारपूर्वक चर्चाएं हुईं"। इस पोस्ट के माध्यम से चिराग पासवान ने अपनी मुलाकात की महत्वता और चर्चा के विषयों को उजागर किया है, जो सियासी हलकों में काफी चर्चा का कारण बना है।
पासवान ने BJP की नीति से अलग रखी राय
बताया जा रहा है कि चिराग पासवान की हाल की गतिविधियां और राय कई मुद्दों पर बीजेपी से अलग नजर आ रही हैं। उन्होंने वक्फ बोर्ड, कोटा मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय, और लेटरल एंट्री जैसे मुद्दों पर बीजेपी की नीति से अलग राय रखी है। इसके अलावा, झारखंड चुनाव में उतरने की घोषणा ने भी सुर्खियाँ बटोरी हैं और इससे कई कयास लगाए जा रहे हैं।
आरजेडी विधायक मुकेश रोशन ने दावा किया है कि चिराग पासवान की पार्टी के तीन सांसद बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। इस दावे ने बिहार की राजनीति को गर्म कर दिया है और आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया है। इन राजनीतिक घटनाक्रमों ने सियासी माहौल को काफी सक्रिय और गतिशील बना दिया है।