गैंगस्टर सुंदर भाटी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है, जो कि हरेंद्र नागर हत्या कांड से जुड़ी हुई है। सुंदर भाटी हाल ही में सोनभद्र जेल में बंद था। सूत्रों के अनुसार भाटी रिहाई के बाद सीधे दिल्ली के लिए रवाना हो गया हैं।
नोएडा: ग्रेटर नोएडा के घंघोला गांव का सुंदर भाटी अपनी आपराधिक गतिविधियों से पहले ठेकेदारी में कदम रखा था। ठेकेदारी में मजबूत पकड़ बनाने के लिए उसने नेताओं के साथ अपने संबंधों को बढ़ाना शुरू किया। इस प्रक्रिया में, उसने राजनीति की ओर झुकाव विकसित किया, जिससे वह अधिक पैसा कमाने के लिए प्रयासरत था।
हालांकि, उसकी इस महत्वाकांक्षा के रास्ते में उसका मित्र नरेश भाटी आ गया। नरेश भाटी के साथ संबंधों में तनाव या प्रतिस्पर्धा ने सुंदर भाटी के जीवन की दिशा को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह rivalry और उनके बीच की राजनीति ने सुंदर भाटी को ज criminal दुनिया में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। इससे उसकी ठेकेदारी से जुड़ी गतिविधियों की जगह आपराधिक गतिविधियों ने ले ली, और वह गैंगस्टर बनने के रास्ते पर बढ़ चला।
नरेश भाटी और सुंदर भाटी की मित्रता
नरेश भाटी और सुंदर भाटी की शुरुआत में एक अच्छी दोस्ती थी, जिसमें सुंदर ठेकेदारी का काम कर रहा था और नरेश अपराध की दुनिया में सक्रिय था। दोनों ने मिलकर कई आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया, जिससे उनका नाम अपराध जगत में फैलने लगा। हालांकि, दोनों के राजनीतिक सपने भी थे। नरेश भाटी ने तेजी से राजनीतिक करियर बनाया और जिला पंचायत अध्यक्ष बन गया, जिसके बाद वह माननीय होकर लाल बत्ती में घूमने लगा। यह बात सुंदर भाटी के लिए परेशानी का सबब बन गई और धीरे-धीरे उनकी दोस्ती में दरार आ गई।
रंजिश के चलते, सुंदर भाटी ने नरेश के खिलाफ एक नया गिरोह बना लिया। 2003 में, सुंदर भाटी गैंग ने नरेश भाटी पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर उसकी हत्या कर दी। इस घटना के बाद, सुंदर भाटी जिले का कुख्यात अपराधी बनकर उभरा और उसने संगीन अपराधों में लिप्त होकर अपनी उपस्थिति को और मजबूत किया।
भाटी का लॉरेंस बिश्नोई से क्या हैं कनेक्शन?
सुंदर भाटी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक कुख्यात बदमाश के रूप में जाना जाता है। उसके नाम कई संगीन अपराधों में शामिल हैं, जिसमें हत्या, अवैध वसूली, और जानलेवा हमले जैसी गतिविधियाँ शामिल हैं। गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के साथ उसके संबंध भी चर्चा में रहे हैं, खासकर अतीक अहमद हत्याकांड में नाम आने के कारण। सुंदर भाटी पर कुल 60 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं, और वह पिछले दो दशकों से उत्तर प्रदेश के साथ-साथ हरियाणा और दिल्ली पुलिस के लिए एक चुनौती बना हुआ है। उसकी जेल से रिहाई ने कमिश्नरेट पुलिस की कार्यशैली और प्रभावशीलता पर सवाल उठाए हैं।
सुंदर भाटी का ध्यान मुख्य रूप से स्क्रैप और सरिया के कारोबार पर है, और वह इस क्षेत्र में अवैध कारोबार को हथियाने की कोशिश कर रहा है। यह संघर्ष स्थानीय बाजार में अवैध कारोबारियों के बीच हो रहा है, जिससे शहर में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने की संभावना बढ़ गई हैं।
सुन्दर भाटी ने की अनिल दुजाना की हत्या
हरेंद्र नागर की हत्या 2015 में हुई थी, जब सुंदर भाटी और उसके अन्य विरोधियों ने मिलकर उसे और उसके सरकारी गनर भूदेव शर्मा को एक शादी समारोह में गोली मार दी थी। इस हत्या के मामले में सुंदर भाटी समेत 12 बदमाशों को मार्च 2021 में उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी। हाल ही में, अनिल दुजाना, जो कि सुंदर भाटी गैंग का बड़ा प्रतिद्वंदी माना जाता था, को यूपी एसटीएफ ने मई 2023 में मुठभेड़ में मार गिराया।
इस घटना के बाद से, सुंदर भाटी की रिहाई ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपराधियों के बीच वर्चस्व की लड़ाई और भी तेज कर सकती है, खासकर जब रवि काना, जो पहले सरिया और स्क्रैप के कारोबार का नेतृत्व कर रहा था, भी बांदा जेल में बंद है। रवि काना के जेल जाने के बाद उसके करीबी लोग अब कारोबार चला रहे हैं, जिससे इलाके में अपराधियों के बीच प्रतिस्पर्धा और बढ़ सकती है। सुंदर भाटी की रिहाई के बाद कमिश्नरेट पुलिस अलर्ट मोड पर आ गई है और उसकी गतिविधियों पर नज़र रखी जा रही हैं।