दिल्ली विधानसभा का दो दिवसीय सत्र आज से शुरू हो रहा है, जो राजनीतिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। खास बात यह है कि यह सत्र मुख्यमंत्री के रूप में आतिशी का पहला होगा, जो आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए एक नया अध्याय हैं।
नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र बृहस्पतिवार से शुरू हो रहा है, और यह मुख्यमंत्री आतिशी के कार्यकाल का पहला सत्र होगा। विपक्ष के तेवरों को देखते हुए सत्र में हंगामे की पूरी संभावना जताई जा रही है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों ने सत्र की अवधि बढ़ाने और दिल्ली से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा के लिए अधिक समय देने की मांग की है। उनका कहना है कि दिल्लीवासियों की समस्याओं पर सरकार को जवाब देने के लिए बाध्य किया जाएगा।
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने प्रेसवार्ता में सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि दो दिवसीय सत्र का एजेंडा विधायकों के साथ साझा नहीं किया गया है, जिससे यह स्पष्ट नहीं है कि किन मुद्दों पर चर्चा होगी। उन्होंने दिल्ली सरकार की निष्क्रियता पर निशाना साधते हुए कहा कि मानसून के दौरान सरकार की विफलता के कारण कई लोगों की मौत हुई, जिसका जवाब सरकार को देना होगा।
बीजेपी नेता उठाएंगे कई मुद्दे
दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र में झुग्गियों में मूलभूत सुविधाओं की कमी, पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य, सार्वजनिक परिवहन, और प्रदूषण जैसी समस्याओं को प्रमुख रूप से उठाया जाएगा। इसके अलावा, विपक्ष बुजुर्गों को पेंशन न मिलने और केंद्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को दिल्ली में पूरी तरह लागू न करने जैसे मुद्दों पर भी सरकार को घेरने की तैयारी में हैं।
विपक्ष की मांग है कि सरकार कैग की रिपोर्ट और पेयजल एवं सीवर की स्थिति पर मुख्य सचिव की रिपोर्ट को सदन में प्रस्तुत करे। भाजपा विधायक ओपी शर्मा ने दिल्ली सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्लीवासी पेयजल की कमी, दूषित पानी और सीवर की समस्याओं से बुरी तरह प्रभावित है और सरकार को इन मुद्दों पर जवाब देना होगा।