दिल्ली सरकार ने गर्मियों में जल संकट से निपटने के लिए हर विधानसभा में नोडल अधिकारी नियुक्त किए। टैंकरों की संख्या बढ़ेगी, पानी का समान वितरण होगा और बर्बादी रोकने के उपाय किए जाएंगे।
Summer Action Plan: दिल्ली सरकार ने गर्मी के मौसम में जल संकट से निपटने के लिए ठोस कदम उठाए हैं। जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने घोषणा की कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में जल बोर्ड का एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। ये अधिकारी जल आपूर्ति की स्थिति की निगरानी करेंगे और सीधे मंत्री को रिपोर्ट देंगे। इससे जल आपूर्ति से संबंधित शिकायतों का शीघ्र समाधान हो सकेगा और जनता को राहत मिलेगी।
जल आपूर्ति की गुणवत्ता और वितरण पर जोर
दिल्ली में कई क्षेत्रों में जल स्तर ठीक है, जहां ट्यूबवेल लगाकर पानी की उपलब्धता बढ़ाई जाएगी। आवश्यकता के अनुसार टैंकरों की संख्या और उनके फेरे बढ़ाए जाएंगे। सभी टैंकरों में जीपीएस सिस्टम लगाया जाएगा ताकि उनकी निगरानी की जा सके और जल वितरण को प्रभावी बनाया जा सके।
विधायकों के साथ बैठक में लिए गए अहम फैसले
जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने विधायकों और जल बोर्ड अधिकारियों के साथ बैठक कर जल संकट पर चर्चा की। विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्रों में पानी की कमी और सीवर ओवरफ्लो की समस्याओं को उठाया। इसके जवाब में मंत्री ने निर्देश दिया कि हर विधानसभा में एक नोडल अधिकारी तैनात किया जाए, जिससे समन्वय बेहतर हो और समस्याओं का तुरंत समाधान किया जा सके।
आबादी के अनुसार जल आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी
जल आपूर्ति के असमान वितरण को रोकने के लिए नई नीति लागू की जा रही है। अब प्रत्येक क्षेत्र में आबादी के हिसाब से पानी का वितरण होगा, ताकि कोई भी इलाका पानी की किल्लत से न जूझे। पिछली सरकार में कुछ क्षेत्रों को अधिक जल आपूर्ति दी जाती थी, लेकिन इस बार यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी क्षेत्रों को समान रूप से पानी मिले।
जल संरक्षण के लिए भी उठाए गए कदम
पानी की बर्बादी रोकने के लिए दिल्ली सरकार नई पाइपलाइन बिछाने पर भी ध्यान दे रही है। वर्तमान में मुनक नहर से कच्चे नहरों के माध्यम से पानी आता है, जिससे काफी मात्रा में पानी व्यर्थ बह जाता है। इसे रोकने के लिए बजट में पाइपलाइन के माध्यम से पानी लाने की योजना बनाई गई है, जिससे जल अपव्यय को कम किया जा सके।
पूर्व सरकार पर मंत्री ने साधा निशाना
मंत्री प्रवेश वर्मा ने पूर्व सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पूर्व की आप सरकार की निष्क्रियता के कारण प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में पानी की समस्या बनी हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि आप पार्टी के विधायक जल संकट की शिकायतें लेकर आते हैं लेकिन सार्वजनिक रूप से इसे स्वीकार करने से बचते हैं।