Delhi Politics: दिल्ली MCD चुनाव पर मचा बवाल, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला, AAP और BJP के बीच संघर्ष

Delhi Politics: दिल्ली MCD चुनाव पर मचा बवाल, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला, AAP और BJP के बीच संघर्ष
Last Updated: 29 सितंबर 2024

दिल्ली नगर निगम में स्थायी समिति के चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच विवाद बढ़ गया है। आप ने आरोप लगाया है कि भाजपा ने चुनावों में गड़बड़ी की है, जबकि भाजपा का कहना है कि चुनाव प्रक्रिया एमसीडी एक्ट के अनुसार हुई है। इस विवाद को लेकर आम आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।

Delhi Politics: दिल्ली नगर निगम में स्थायी समिति के चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। मेयर ने स्थायी समिति के हाल के चुनाव को अवैध बताया, जबकि आप ने उपराज्यपाल और भाजपा पर नियमों की अनदेखी कर चुनाव कराने का आरोप लगाया। गौरतलब है कि आप ने वोटिंग प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया था।

सीएम आतिशी ने भाजपा पर लगाया आरोप

दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह नगर निगम में गलत तरीके से दखल दे रही है और लोकतंत्र की हत्या कर रही है। उन्होंने शुक्रवार को स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव को अवैध करार दिया, यह दावा करते हुए कि ये चुनाव गलत तरीके से कराए गए हैं। उनके अनुसार, भाजपा की कार्रवाई निगम में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर कर रही है।

AAP ने निगम में स्थायी समिति के चुनाव को गैर संवैधानिक करार दिया है। मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि यह चुनाव दिल्ली म्यूनिसिपल एक्ट 1957 का उल्लंघन है। इसके साथ ही, आप के वरिष्ठ नेता दिलीप पांडेय ने भाजपा पर नगर निगम को कंगाल बनाने का आरोप लगाया, यह कहते हुए कि जनता अब भाजपा को बर्दाश्त नहीं करेगी।

चुनाव में नियमों का हुआ उल्लंघन

सीएम ने आरोप लगाया है कि स्थायी समिति के चुनाव में नियमों का उल्लंघन किया गया है। उन्होंने कहा कि महापौर चुनाव की तारीख और स्थान तय कर सकती हैं, लेकिन उपराज्यपाल के निर्देश पर एक आईएएस अधिकारी को पीठासीन अधिकारी बना कर चुनाव कराया गया।

मुख्यमंत्री आतिशी ने भाजपा को चेतावनी दी है कि वे लोकतंत्र की हत्या करना बंद करें और चोर दरवाजे से सत्ता में आने की कोशिश करें। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा में हिम्मत है, तो वे आम आदमी पार्टी का चुनावी मुकाबला करें। उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली नगर निगम को चलाने के लिए संसद द्वारा पारित दिल्ली नगर निगम एक्ट 1957 के तहत कई कानून और नियम बनाए गए हैं।

सदस्यों का चुनाव निगम की बैठक में हो

आतिशी ने बताया कि "दिल्ली MCD प्रक्रिया और व्यवसाय संचालन नियम 1958" के तहत स्थायी समिति के सदस्यों का मतदान निगम की बैठक में होना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि डीएमसी अधिनियम की धारा 76 स्पष्ट रूप से कहती है कि नगर निगम की बैठक की अध्यक्षता महापौर द्वारा की जाएगी, और यदि महापौर अनुपस्थित हैं, तो उप-महापौर अध्यक्षता करेंगे।

26 सितंबर को बुलाई थी बैठक

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थायी समिति के गठन की प्रक्रिया महापौर ने शुरू की है या अदालत के निर्देश पर, यह स्पष्ट करना चाहिए। नगर निगम ने दिल्ली हाई कोर्ट में स्थायी समिति के गठन की प्रक्रिया पूरी करने का शपथपत्र दिया है। महापौर ने चुनाव के लिए 26 सितंबर को बैठक बुलाई थी, लेकिन बाद में इसे 5 अक्टूबर के लिए स्थगित कर दिया गया। यह उच्च न्यायालय के शपथपत्र की अवहेलना है, जबकि दिल्ली नगर निगम एक्ट के अनुसार स्थायी समिति का गठन अनिवार्य है।

पूर्व महापौर राजा ने सीएम बयान पर दी प्रतक्रिया

एमसीडी में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व महापौर राजा इकबाल सिंह ने मुख्यमंत्री आतिशी के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने स्थायी समिति के संबंध में सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही थी। राजा ने कहा कि पिछली बार जब स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव हुए थे, तब आप सरकार दिल्ली उच्च न्यायालय गई थी। उस समय भी अदालत ने चुनाव प्रक्रिया को सही बताया और बीजेपी के सदस्य को निर्वाचित घोषित किया था।

इसके बाद, आप सरकार उपराज्यपाल द्वारा नियुक्त एल्डरमैन की नियुक्ति के मामले में भी कोर्ट गई थी, जहां सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय को सही माना। राजा ने स्पष्ट किया कि वर्तमान चुनाव की प्रक्रिया एमसीडी कानून के अनुसार पूरी हुई है और भाजपा के सदस्य ने जीत हासिल की है। उन्होंने कहा कि आप सरकार की मंशा बार-बार गलत नियमों का हवाला देकर ध्यान भटकाने की है। राजा ने यह भी बताया कि यह आप सरकार की जिम्मेदारी थी कि स्थायी समिति का गठन कराए, लेकिन बार-बार आप सरकार और दिल्ली की महापौर डॉ. शैली ओबेराय ने इसमें देरी की है। इसी वजह से 20 महीने से अधिक समय से स्थायी समिति का गठन नहीं हो पाया है, जिसके चलते दिल्ली के विकास कार्य ठप पड़े हुए हैं।

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