दिल्ली सरकार ने विशेष उच्च योग्यता वाले दिव्यांग व्यक्तियों के लिए हर महीने 5000 रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की है। यह योजना उन व्यक्तियों के लिए है जिनकी दिव्यांगता 60% या उससे अधिक है। वर्तमान में, दिल्ली सरकार 1.20 लाख दिव्यांगों को मासिक पेंशन प्रदान कर रही है, और इस नए फैसले से लगभग 10,000 अतिरिक्त दिव्यांग व्यक्तियों को लाभ मिलने की उम्मीद हैं।
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने विशेष उच्च योग्यता वाले दिव्यांग व्यक्तियों को पांच हजार रुपये मासिक वित्तीय सहायता देने की घोषणा की है। यह निर्णय सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया, जिसमें मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया कि ऐसा करने वाला दिल्ली पहला राज्य है। इस योजना के तहत, उन व्यक्तियों को सहायता मिलेगी जिनके पास 60 प्रतिशत या उससे अधिक दिव्यांगता का चिकित्सा प्रमाण पत्र होगा। इस योजना का लाभ लेने के लिए पात्र व्यक्तियों के लिए जल्द ही पंजीकरण प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यह कदम दिव्यांग व्यक्तियों के जीवन को बेहतर बनाने और उन्हें आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल हैं।
अभी दिव्यांगों को मिलती है इतनी पेंशन
दिल्ली सरकार वर्तमान में 1.20 लाख दिव्यांगों को मासिक पेंशन प्रदान कर रही है, जिसमें वे दिव्यांग शामिल हैं जिनके पास 42 प्रतिशत या अधिक दिव्यांगता का प्रमाण पत्र है। ऐसे व्यक्तियों को हर महीने 2500 रुपये की सहायता मिलती है। अब, सरकार ने विशेष उच्च योग्यता वाले दिव्यांग व्यक्तियों के लिए अतिरिक्त वित्तीय सहायता देने का निर्णय लिया है, जिसके तहत उन्हें हर महीने 5000 रुपये की सहायता मिलेगी। इस नए फैसले से लगभग 10,000 अतिरिक्त दिव्यांगों को लाभ होगा, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार की उम्मीद हैं।
दिव्यांगता की श्रेणी में शामिल व्यक्ति
दिल्ली सरकार ने दिव्यांग व्यक्तियों के लिए वित्तीय सहायता योजना को तत्काल लागू करने के निर्देश दिए हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार, दिल्ली में लगभग 2.44 लाख लोग दिव्यांगता की श्रेणी में आते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार, इनमें से लगभग 9,500 से 10,000 लोग ऐसे हैं जिन्हें 'पर्सन विद हाई स्पेशल नीड्स' माना जा सकता है। वर्तमान में, दिल्ली सरकार 1.20 लाख दिव्यांग व्यक्तियों को पेंशन देती है, जो 42 प्रतिशत या उससे अधिक दिव्यांगता का प्रमाण पत्र रखते हैं। इन व्यक्तियों के पास एक चिकित्सा प्रमाण पत्र और यूडीआईडी कार्ड होता है, जिसके आधार पर उन्हें पेंशन का अधिकार मिलता हैं।
BJP विधायक ने दी आंदोलन की चेतावनी
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने समाज कल्याण मंत्री को पत्र लिखकर पिछले सात वर्षों से लंबित वृद्धावस्था पेंशन के आवेदनों को स्वीकार करने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि सरकार नए आवेदन स्वीकार करती है, तो लगभग 80,000 नए बुजुर्गों को पेंशन मिल सकती है। वर्तमान में, दिल्ली की वृद्धावस्था पेंशन योजना की अधिकतम सीमा 5.30 लाख लाभार्थियों की है, और यह संख्या पिछले सात वर्षों से नहीं बढ़ी है। गुप्ता ने विधानसभा में भी इस मुद्दे को उठाया, जहां उन्हें बताया गया कि लाभार्थियों की संख्या की निर्धारित क्षमता पूर्ण होने के कारण नए आवेदन स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि निर्धारित सीमा में वृद्धि करना नीतिगत विषय है और इसका निर्णय कैबिनेट द्वारा किया जाता है। गुप्ता ने दावा किया कि वर्तमान में सरकार के पास लगभग पांच लाख नए आवेदन लंबित हैं। उन्होंने कहा कि पेंशन प्राप्त करने वाले बुजुर्गों में से लगभग 80 वरिष्ठ नागरिक या तो निधन हो चुके हैं या दिल्ली छोड़कर चले गए हैं, जिसके कारण उनके स्थान पर 80,000 नए बुजुर्गों को पेंशन मिल सकती है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने 24 घंटे के भीतर उनकी मांग नहीं मानी, तो भाजपा विधायक बुजुर्गों के साथ आंदोलन करेंगे।