दिल्ली एंटी करप्शन ब्यूरो ने पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को सरकारी स्कूलों में क्लासरूम निर्माण में भ्रष्टाचार के मामले में समन जारी किया है। आरोपों की जांच अभी जारी है।
Delhi News: दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के बड़े नेता मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के लिए एक बार फिर मुश्किलें बढ़ गई हैं। दिल्ली एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने दोनों नेताओं को सरकारी स्कूलों में क्लासरूम निर्माण में कथित भ्रष्टाचार के मामले में समन जारी किया है। इस मामले की जांच अभी चल रही है और दोनों नेताओं को जल्द ही एसीबी के सामने पेश होना होगा। आइए इस पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं।
सरकारी स्कूलों में क्लासरूम निर्माण का भ्रष्टाचार मामला
एंटी करप्शन ब्यूरो ने आरोप लगाया है कि दिल्ली में सरकारी स्कूलों के लिए बनाए गए लगभग 12,748 क्लासरूम और स्कूल भवनों के निर्माण में भारी भ्रष्टाचार हुआ है। इस परियोजना का कुल मूल्य लगभग 2,000 करोड़ रुपये बताया जा रहा है। जांच में यह सामने आया है कि इन क्लासरूम के निर्माण के लिए लगाए गए दाम असामान्य रूप से ज्यादा थे।
बढ़ी हुई लागत और ठेके की गड़बड़ियां
जांच में पता चला है कि एक क्लासरूम का निर्माण लगभग 24.86 लाख रुपये में किया गया, जो सामान्य लागत से लगभग पांच गुना अधिक है। यह भी आरोप है कि इस प्रोजेक्ट के ठेके 34 अलग-अलग ठेकेदारों को दिए गए, जिनमें से अधिकांश आम आदमी पार्टी से जुड़े बताए जा रहे हैं। एसीबी ने यह भी आरोप लगाया है कि इस निर्माण में सेमी-परमानेंट स्ट्रक्चर (SPS) बनाए गए, जिनकी उम्र लगभग 30 साल होती है, जबकि उनकी लागत उस तरह की होती है जो मजबूत RCC (Reinforced Cement Concrete) संरचनाओं के बराबर होती है, जिनकी आयु 75 साल तक होती है।
इसके अलावा, बिना नई निविदा (tender) प्रक्रिया के ही परियोजना की लागत 326 करोड़ रुपये तक बढ़ा दी गई। यह आरोप परियोजना में बड़ी गड़बड़ियों को दर्शाता है।
एसीबी की कार्रवाई और समन जारी
30 अप्रैल 2024 को दिल्ली एंटी करप्शन ब्यूरो ने इस मामले में मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। अब एसीबी ने सत्येंद्र जैन को 6 जून और मनीष सिसोदिया को 9 जून को पूछताछ के लिए बुलाया है। दोनों नेताओं को एसीबी दफ्तर में अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी।
दोनों नेताओं के विभाग और राजनीतिक जिम्मेदारी
मनीष सिसोदिया दिल्ली सरकार में वित्त और शिक्षा विभाग संभालते थे, जबकि सत्येंद्र जैन के जिम्मे स्वास्थ्य, उद्योग, बिजली, गृह, शहरी विकास और पीडब्ल्यूडी जैसे महत्वपूर्ण विभाग थे। ऐसे में इस भ्रष्टाचार के आरोपों ने दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी की छवि पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पिछली कानूनी परेशानियां
यह पहली बार नहीं है जब मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन की मुश्किलें बढ़ी हैं। मनीष सिसोदिया को पहले शराब घोटाले मामले में गिरफ्तार किया गया था, वहीं सत्येंद्र जैन मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जेल जा चुके हैं। हालांकि दोनों फिलहाल जमानत पर बाहर हैं, लेकिन नए समन और जांच के चलते उनकी राजनीतिक और कानूनी मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं।