Delhi: संसद में मणिपुर का मुद्दा गरमाया, गोगोई ने उठाए सवाल, सरकार का पलटवार

Delhi: संसद में मणिपुर का मुद्दा गरमाया, गोगोई ने उठाए सवाल, सरकार का पलटवार
अंतिम अपडेट: 13 घंटा पहले

संसद में कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने मणिपुर मुद्दे पर सरकार को घेरा। उन्होंने मांग की कि बजट पर सदन में चर्चा होनी चाहिए, क्योंकि राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है।

Delhi: लोकसभा में मंगलवार को कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने मणिपुर के हालात को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि बंदूक की नोक पर मणिपुर में शांति स्थापित नहीं की जा सकती और इसके लिए केवल राजनीतिक समाधान ही कारगर होगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि वे मणिपुर का दौरा करें और वहां के लोगों की चिंताओं को समझें।

मणिपुर के बजट पर चर्चा की मांग

गौरव गोगोई ने अनुदानों, अतिरिक्त अनुदानों और मणिपुर बजट की अनुपूरक मांगों पर चर्चा के दौरान जोर देकर कहा कि राज्य का बजट विधानसभा में पेश किया जाना चाहिए था, लेकिन राष्ट्रपति शासन के कारण ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने केंद्र सरकार से पूछा कि मणिपुर में विधानसभा की स्थिति क्या है—क्या उसे भंग कर दिया गया है या वह निलंबित अवस्था में है?

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और अन्य सदस्यों ने गोगोई के इस बयान पर आपत्ति जताई और कहा कि उन्हें केवल अनुदान मांगों और राज्य के बजट तक सीमित रहना चाहिए।

"मणिपुर के लोगों की बात सुने सरकार"

गोगोई ने कहा, "अगर आप मणिपुर में शांति चाहते हैं, तो मणिपुर के लोगों को बोलने दें। उनकी राजनीतिक आकांक्षाएं, भय और चिंताएं क्या हैं, यह सुनने का साहस सरकार को दिखाना चाहिए।"

उन्होंने केंद्र सरकार से सवाल किया कि गृह मंत्री अमित शाह ने 2023 में मणिपुर का दौरा किया था और जल्द वापस आने का वादा किया था, लेकिन वे अब तक क्यों नहीं गए?

गौरव गोगोई और निर्मला सीतारमण में तीखी बहस

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गोगोई के इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई, जिसमें उन्होंने सदन में प्रधानमंत्री मोदी की अनुपस्थिति का जिक्र किया था। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री मोदी अपनी विदेश यात्रा पर हैं और इससे पहले भी प्रधानमंत्री संसद सत्र के दौरान विदेश यात्राएं करते रहे हैं।

सीतारमण ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा, "विपक्ष को यह स्वीकार करने की विनम्रता दिखानी चाहिए कि उन्होंने प्रधानमंत्री का अपमान किया है और वे इसे दोबारा नहीं दोहराएंगे।"

गौरव गोगोई ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि सीतारमण को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए और पीएम मोदी के पिछले भाषण को याद करना चाहिए, जिसमें उन्होंने भी पूर्व प्रधानमंत्रियों को अपमानित किया था।

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