Dengue and Malaria: देशभर में फैला डेंगू-मलेरिया का प्रकोप, दोनों बीमारियों के लक्षण बिल्कुल एक जैसे; जानिए कैसे करें इनमे अंतर?

Dengue and Malaria: देशभर में फैला डेंगू-मलेरिया का प्रकोप, दोनों बीमारियों के लक्षण बिल्कुल एक जैसे; जानिए कैसे करें इनमे अंतर?
Last Updated: 4 घंटा पहले

देश के कई राज्यों में इन दिनों मच्छर जनित बीमारियों, जैसे डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया, का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, इस साल मानसून का असर अधिक रहा है, जिससे बाढ़ और जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हुई है, जो मच्छरों के प्रजनन के लिए अनुकूल साबित हो रही है। इसके परिणामस्वरूप बीमारियों का खतरा बढ़ गया हैं।

नई दिल्ली देश के कई राज्यों में मच्छर जनित बीमारियों, जैसे डेंगू और मलेरिया, का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। मानसून के लंबे प्रभाव और जलजमाव जैसी स्थितियों ने मच्छरों के प्रजनन के लिए अनुकूल वातावरण पैदा कर दिया है, जिससे इन बीमारियों का खतरा अधिक बढ़ गया है। कर्नाटक और असम जैसे राज्यों में डेंगू के मामले इस साल रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गए हैं। इसके अलावा, दिल्ली-एनसीआर में भी हाल के हफ्तों में मच्छरों से होने वाली बीमारियों के मामले तेजी से बढ़े हैं।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी डेंगू और मलेरिया का प्रकोप जारी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शुक्रवार को ही लखनऊ में 39 नए डेंगू और तीन मलेरिया के मामले दर्ज किए गए। इसके साथ ही शहर में कुल मच्छर जनित बीमारियों के मामले 837 हो गए हैं, जिनमें 429 डेंगू और 408 मलेरिया के मामले शामिल हैं।

दिल्ली-एनसीआर में छाया मलेरिया का प्रकोप

दिल्ली और उत्तर प्रदेश सहित देश के कई हिस्से इस समय डेंगू और मलेरिया जैसी मच्छर जनित बीमारियों का प्रकोप झेल रहे हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सितंबर-अक्टूबर का महीना इन बीमारियों के लिए विशेष रूप से संवेदनशील होता है। इस वर्ष भी स्थिति गंभीर बनी हुई है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सितंबर के अंतिम सप्ताह में दिल्ली में डेंगू के 300 से अधिक नए मामले दर्ज किए गए हैं। 20 सितंबर तक डेंगू के कुल 1,229 मामले सामने आए, जिनमें से दो लोगों की मौतें भी हो चुकी हैं। मलेरिया के मामलों में भी तेजी देखी गई है। 26 सितंबर तक दिल्ली में मलेरिया के 363 मामले सामने आ चुके हैं, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह संख्या 294 थी। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, मानसून के बाद मच्छरों के लिए अनुकूल परिस्थितियों के चलते ये बीमारियां तेजी से फैलती हैं।

डेंगू के लक्षण

डेंगू एक गंभीर वायरल संक्रमण है जो मच्छरों के जरिए फैलता है और इसकी शुरुआत तेज बुखार से होती है। डेंगू की स्थिति में मरीज को निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे सकते हैं:

* अचानक तेज बुखार: यह डेंगू का प्रारंभिक लक्षण है, जो अचानक और तेज होता है।

* सिरदर्द और बदन दर्द: खासकर सिर और मांसपेशियों में दर्द महसूस होता है।

* आंखों में जलन और दर्द: यह आंखों के पीछे होने वाला दर्द डेंगू की एक विशेष पहचान है।

* भूख न लगना: मरीज को खाने-पीने में दिक्कत होती है।

* मसूड़ों से खून आना: प्लेटलेट्स की कमी से मसूड़ों या नाक से रक्तस्राव हो सकता है।

* त्वचा पर चकत्ते और दाने: यह लाल रंग के दाने होते हैं, जो शरीर पर फैल सकते हैं।

डेंगू के गंभीर मामलों में ब्लड प्लेटलेट्स काउंट तेजी से गिरने लगता है। प्लेटलेट्स का काम खून का थक्का बनाना होता है, और इसकी कमी के कारण रक्तस्राव शुरू हो सकता है। डेंगू हेमोरेजिक फीवर (DHF) या डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS) जैसी स्थितियां भी विकसित हो सकती हैं, जो जानलेवा हो सकती हैं। ऐसे मामलों में तुरंत मेडिकल हस्तक्षेप की जरूरत होती है, क्योंकि प्लेटलेट्स की कमी रक्तस्राव और अंगों की विफलता का कारण बन सकती हैं।

मलेरिया के लक्षण

मलेरिया भी मच्छर जनित बीमारी है, जो प्लास्मोडियम नामक परजीवी के कारण होती है। मच्छर के काटने के बाद ये परजीवी खून में प्रवेश करते हैं और शरीर के अंदर फैलते हैं। मलेरिया के लक्षण डेंगू से मिलते-जुलते हो सकते हैं, लेकिन इसके कुछ विशेष लक्षण और जटिलताएं होती हैं। मलेरिया के सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:

* तेज बुखार: बुखार अक्सर ठंड के साथ आता है, जिसे "ठंड लगना" कहा जाता है।

* ठंड लगना: बुखार से पहले या उसके दौरान शरीर में ठंडक का अनुभव होता है।

* पसीना आना: बुखार उतरने के बाद पसीना आता है।

* उल्टी और मतली: मलेरिया से पेट खराब हो सकता है और उल्टी की समस्या हो सकती है।

* सिरदर्द और बदन दर्द: सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द आम होता है।

* सूखी खांसी: संक्रमण के कारण सांस संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

* बेहोशी और थकान: मलेरिया की गंभीर स्थिति में कमजोरी और बेहोशी हो सकती है।

* चेतना में कमी: मस्तिष्क पर प्रभाव पड़ने से भ्रम, बेहोशी या दौरे आ सकते हैं।

* सांस लेने में कठिनाई: फेफड़ों में तरल पदार्थ जमा होने के कारण सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।

* गहरे रंग का पेशाब या पेशाब से खून आना: मलेरिया से लाल रक्त कोशिकाएं नष्ट हो सकती हैं, जिससे हेमोग्लोबिन का पेशाब में आना और पेशाब का गहरा रंग हो सकता हैं।

* अंग विफलता: गंभीर मामलों में किडनी या लीवर खराब हो सकते हैं।

* रक्ताल्पता (एनीमिया): लाल रक्त कोशिकाओं के नष्ट होने से एनीमिया हो सकती है, जिससे कमजोरी और थकान महसूस हो सकती है।

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