दिल्ली विधानसभा में बवाल; CM रेखा गुप्ता के दफ्तर से आंबेडकर-भगत सिंह की तस्वीर हटाने पर आम आदमी पार्टी का हंगामा

दिल्ली विधानसभा में बवाल; CM रेखा गुप्ता के दफ्तर से आंबेडकर-भगत सिंह की तस्वीर हटाने पर आम आदमी पार्टी का हंगामा
अंतिम अपडेट: 3 घंटा पहले

दिल्ली विधानसभा में शुक्रवार को जमकर हंगामा हुआ जब आम आदमी पार्टी (AAP) की नेता आतिशी ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के दफ्तर से डॉ. भीमराव आंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीर हटाने का मुद्दा उठाया। 

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में शुक्रवार को जमकर हंगामा हुआ जब आम आदमी पार्टी (AAP) ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के दफ्तर से संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर और शहीद भगत सिंह की तस्वीरें हटा दी गई हैं। इस मुद्दे को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी और AAP विधायकों ने सदन में विरोध प्रदर्शन किया।

AAP का आरोप- ‘बीजेपी की दलित विरोधी मानसिकता उजागर’

नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने दावा किया कि जब तक अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री थे, तब तक दिल्ली सरकार के हर दफ्तर में आंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीरें लगाई जाती थीं। लेकिन बीजेपी सरकार ने आते ही इन तस्वीरों को हटवा दिया। "दिल्ली की नई बीजेपी सरकार ने बाबा साहेब की फोटो हटाकर प्रधानमंत्री मोदी जी की फोटो लगा दी। 

यह दलित विरोधी मानसिकता को दर्शाता है और करोड़ों भारतीयों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला कदम है।" AAP ने यह भी दावा किया कि अब मुख्यमंत्री दफ्तर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और महात्मा गांधी की तस्वीरें लगाई गई हैं।

अरविंद केजरीवाल का बयान: ‘बाबा साहेब की तस्वीर मत हटाइए’

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी इस मुद्दे पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, "आप प्रधानमंत्री की फोटो लगाइए, लेकिन बाबा साहेब की फोटो तो मत हटाइए। इससे बाबा साहेब के करोड़ों अनुयायियों को ठेस पहुंची है।" इस पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और बीजेपी ने सफाई देते हुए कहा कि किसी भी महापुरुष का अपमान नहीं किया गया है, बल्कि सिर्फ कार्यालय में बदलाव किए गए हैं।

स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने कहा

स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने AAP विधायकों के हंगामे को अनुचित बताते हुए कहा, "यह सदन राजनीतिक मंच नहीं है। तस्वीरें बदलना कोई विवाद का मुद्दा नहीं होना चाहिए। आतिशी का व्यवहार अनुचित था और मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं।" इस विवाद को लेकर AAP और बीजेपी में टकराव तेज हो गया है। AAP इसे दलित विरोधी राजनीति बता रही है, जबकि बीजेपी इसे सरकारी कार्यालयों की सामान्य प्रक्रिया कह रही हैं।

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