दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव में चार प्रमुख पदों पर चुनाव परिणाम सामने आए हैं, जिसमें एनएसयूआई ने दो पदों पर जीत हासिल की, वहीं एबीवीपी ने भी दो पदों पर विजय प्राप्त की।
DUSU Election Result: दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डूसू) चुनाव की मतगणना 25 नवंबर को संपन्न हुई, जिसमें विभिन्न पदों पर परिणाम घोषित किए गए। इस बार दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव में अध्यक्ष और संयुक्त सचिव पद पर एनएसयूआई ने विजय हासिल की, जबकि उपाध्यक्ष और सचिव पद पर एबीवीपी ने परचम लहराया।
CCTV निगरानी में हुई मतगणना
मतगणना के दौरान सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए गए थे, और 14 सीसीटीवी कैमरों के जरिए हर गतिविधि पर नजर रखी गई। इसके अलावा, 8 वीडियो कैमरे भी लगाए गए थे। मतगणना के दौरान स्ट्रांग रूम में उम्मीदवारों की मौजूदगी में 500 ईवीएम को लाकर मतगणना केंद्र में खोला गया। इसके बाद कॉलेजों में प्रतिनिधियों के परिणाम भी रविवार को घोषित कर दिए गए।
मतदान और सफाई के बाद ही परिणामों की घोषणा
डूसू चुनाव के लिए 27 सितंबर को मतदान हुआ था, जिसमें कुल 145,893 मतदाताओं में से 51,300 छात्रों ने मतदान किया था। मतदान के बाद, दिल्ली विश्वविद्यालय और अन्य क्षेत्रों में पोस्टरों और बैनरों से गंदगी फैलने की शिकायतों के चलते उच्च न्यायालय ने परिणामों की घोषणा पर रोक लगा दी थी। सफाई के बाद 26 नवंबर तक मतगणना की अनुमति दी गई, जिसके बाद परिणाम घोषित किए गए।
कड़ी निगरानी में चुनाव परिणाम
विजेताओं को रैली निकालने की अनुमति नहीं दी गई और लाउडस्पीकर तथा ढोल बजाने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। उम्मीदवारों से शपथ पत्र लिया गया है कि वे इन नियमों का पालन करेंगे, अन्यथा उनका निर्वाचन रद्द हो सकता है।
डूसू के प्रमुख पदों के लिए उम्मीदवार
डूसू चुनाव में कुल 21 उम्मीदवारों ने चार प्रमुख पदों के लिए भाग लिया। अध्यक्ष पद के लिए एनएसयूआई के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की, जबकि संयुक्त सचिव पद पर भी एनएसयूआई ने बाजी मारी। वहीं, उपाध्यक्ष और सचिव पद पर एबीवीपी ने जीत हासिल की।
पदों पर हुए चुनाव के प्रमुख नाम
अध्यक्ष पद: अनिकेत मडके, बदी उ ज़मान
संयुक्त सचिव पद: पिंकी, ऋषभ चौधरी
उपाध्यक्ष पद: आयुष मंडल, बनश्री दास
सचिव पद: अदित्यन एमए, मित्रविंदा करनवाल
चुनाव प्रक्रिया और सुरक्षा
मतगणना के दौरान कॉलेजों के आस-पास बैरिकेडिंग कर दी गई थी, और केवल छात्रों को कक्षाओं में जाने की अनुमति दी गई थी। मतदान केंद्रों पर पुलिस के अतिरिक्त तैनाती और सही निर्देशों के बावजूद कुछ वाहन जांच में लापरवाही सामने आई, जिसे लेकर कोर्ट ने कड़ी आपत्ति जताई थी।
बाद में, परिणामों की घोषणा होते ही विजयी उम्मीदवारों ने उत्साह के साथ अपना समर्थन जताया, लेकिन प्रशासन ने शांति बनाए रखने के लिए किसी प्रकार के सार्वजनिक जश्न या रैली की अनुमति नहीं दी।