संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा ने सुप्रीम कोर्ट को एक चिट्ठी लिखकर मांग की है कि केंद्र सरकार को एमएसपी की कानूनी गारंटी देने का आदेश दिया जाए।
Sanyukt Kisan Morcha: संयुक्त किसान मोर्चा गैर-राजनीतिक और किसान मजदूर मोर्चा ने एक चिट्ठी के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह उनकी एकमात्र मांग नहीं है, बल्कि विभिन्न सरकारों ने उनसे यह वादा किया था।
एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग
इससे पहले, खन्नौरी में संयुक्त किसान मोर्चा के अनशन और किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के धरने के बीच कृषि पर संसदीय मामलों की कमेटी ने भी एमएसपी की कानूनी गारंटी की सिफारिश की थी। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गुरुवार को कहा कि इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट में उठाया जाना चाहिए और यदि किसान चाहते हैं तो सरकार को इसका समाधान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार हर बार यही कहती है कि किसानों की आय दोगुनी कर देंगे।
हुड्डा की खन्नौरी में किसान नेताओं से मुलाकात
कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा गुरुवार को खन्नौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से मिले। उन्होंने कहा कि हम यहां जगजीत सिंह डल्लेवाल का हालचाल जानने आए हैं। हमारी मांग है कि सरकार अपना अहंकार त्यागे और मानवता दिखाए। किसान आंदोलन की मांगें नाजायज नहीं हैं, ये वही मांगें हैं जिन पर सरकार ने कभी सहमति जताई थी। जब किसानों की मांग पूरी नहीं हुई, तो उन्होंने आंदोलन शुरू किया है।
उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में हर वर्ग को धरना-प्रदर्शन करने का अधिकार है और सरकार इसकी इजाजत भी देती है, लेकिन किसानों को जाने से रोक दिया जाता है। जब किसान इसे देखता है तो उसके दिल में नाराजगी पैदा होती है।
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का बयान
दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, “हमारे सरकार से एक ही मांग है कि एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) दिया जाए। केंद्र सरकार हर बार यह कहती है कि किसानों की आय दोगुनी कर देंगे। लेकिन जब यह वादा पूरा नहीं हुआ, तो किसानों ने आंदोलन शुरू किया। यह लोकतंत्र में सभी को अपनी आवाज उठाने का अधिकार है, लेकिन किसानों को रोका जा रहा है। किसान इसे देखकर असंतुष्ट होते हैं।”