जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में प्रवासी श्रमिकों पर हुए आतंकवादी हमले में सात लोगों की जान चली गई, जिसमें एक डॉक्टर भी शामिल है। मृतकों के परिजनों का हाल बेहद दुखद है और वे रो-रोकर बुरा हाल कर रहे हैं। प्रशासन से हमलावरों को सजा देने और पीड़ित परिवारों की मदद करने की मांग उठाई जा रही है। इस दुखद घटना ने पूरे देश में शोक को पैदा कर दिया हैं।
Shrinagar: जम्मू-कश्मीर के गांदरबल के गगनगीर में प्रवासी श्रमिकों पर अब तक का सबसे गंभीर हमला हुआ है। इस हमले में सात श्रमिकों की जान चली गई, जिनमें एक डॉक्टर भी शामिल थे। मृतक डॉक्टर के बेटे, मोहसिन शाहनवाज डार ने कहा कि मेरे पिता, डॉ. शाहनवाज डार, इस क्षेत्र के एक ईमानदार और प्रतिष्ठित व्यक्ति थे। मेरे पिता चाहते थे कि मैं डॉक्टर बनूं, लेकिन मेरा सपना आईएएस अधिकारी बनने का था।
मेरे दादा जी पुलिस इंस्पेक्टर थे और उन्हें मुझ पर पूरा विश्वास था कि मैं एक दिन आईएएस अधिकारी बनूंगा। मेरे पिता ने यह संकल्प लिया था कि वह मुझे आईएएस बनने में हर संभव मदद करेंगे। लेकिन कल की दुखद घटना की खबर
सुनने के बाद मेरे सभी सपने टूट गए। मुझे अब अपनी और अपने परिवार की भी जिम्मेदारी उठानी है। मैं प्रशासन से अपील करता हूं कि वह मेरे सपने को साकार करने में मेरी मदद करें।
पत्नी और बच्चों का हुआ बुरा हाल
आतंकी हमले में मारे गए लोगों में बटाला के गांव सखोवाल का गुरमीत सिंह भी शामिल है। मृतक कई सालों से कश्मीर में काम कर रहा था। गुरमीत सिंह के पिता, धर्म सिंह, पूर्व सैनिक हैं। अब परिवार में उनकी पत्नी, एक बेटी, बेटा और माता-पिता हैं। गुरमीत सिंह ने कश्मीर में कई वर्षों से एक प्राइवेट कंपनी में कार्य किया। जैसे ही गुरमीत सिंह की मौत की खबर मिली, पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है और उनके परिवार में गहरे दुख का माहौल है।
एलजी सिन्हा ने क्या कहा?
गगनगीर आतंकी हमले पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि कल गांदरबल में एक बेहद दुखद घटना हुई। उनका मानना है कि कोई भी निर्दोष नागरिकों के खून-खराबे का समर्थन नहीं कर सकता। उन्होंने आशा व्यक्त की कि जम्मू-कश्मीर पुलिस जल्द से जल्द अपराधियों की पहचान करने में सफल होगी।