Haryana Election 2024: चुनाव के नतीजों से पहले भाजपा का दावा, एग्जिट पोल के अनुमानों को किया खारिज, जानें सीएम ने क्या दी प्रतिक्रिया?

Haryana Election 2024: चुनाव के नतीजों से पहले भाजपा का दावा, एग्जिट पोल के अनुमानों को किया खारिज, जानें सीएम ने क्या दी प्रतिक्रिया?
Last Updated: 6 घंटा पहले

हरियाणा के चुनाव परिणाम ज्यादा चौंकाने वाले नहीं होंगे। चुनाव से पूर्व लोगों की जो राय थी, परिणाम उसी के आसपास रहने की संभावना है। मतदान समाप्त होने के बाद विशेषज्ञों का मानना है कि मतदाता पहले से ही अपनी धारणा बना चुके थे।

Haryana Exit Poll: चुनाव संपन्न होने के बाद आए एग्जिट पोल को नजरअंदाज करते हुए भाजपा ने तीसरी बार कमल खिलाने का विश्वास जताया है। भाजपा का मानना है कि हरियाणा के लोगों ने पार्टी को तीसरी बार सरकार बनाने का आशीर्वाद दिया है। हालांकि मतदान प्रतिशत कम रहा, लेकिन यह इस बात का संकेत है कि सरकार के खिलाफ कोई भी विपक्षी लहर नहीं थी। पार्टी के बूथ प्रबंधन ने अच्छा कार्य किया है और बूथ पदाधिकारी अपने-अपने बूथों पर वोट डालने में सफल रहे हैं।

पूर्व सीएम मनोहर लाल ने किया दावा

केंद्रीय मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यह दावा किया कि उनके कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने बूथों पर निष्ठा और समर्पण के साथ मेहनत की है, जिससे मतदाताओं को प्रेरित किया गया है। उनका मानना है कि इस मेहनत का फल अवश्य मिलेगा और हरियाणा में फिर से कमल खिलने की संभावना है। उनके अनुसार, हरियाणा में भाजपा कम से कम 50 सीटें जीतेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा हमेशा जमीनी स्तर पर काम करती है, और वह हवा-हवाई दावों पर विश्वास नहीं करती।

भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ बनाएगी सरकार: सीएम

सीएम नायब सिंह सैनी ने यह भी कहा है कि आठ अक्टूबर को भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाएगी। हरियाणा के नागरिक भाजपा के साथ खड़े हैं। भाजपा प्रवक्ता और पूर्व मीडिया सचिव प्रवीण आत्रेय ने यह उल्लेख किया कि पिछले दस वर्षों में हरियाणा में भाजपा द्वारा किए गए कार्यों का परिणाम है कि पार्टी तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है। भाजपा की नीतियों से लोग संतुष्ट हैं और मतदान के आंकड़े तथा मतदाताओं का रुख इस बात की पुष्टि करता है कि भाजपा को स्पष्ट बहुमत प्राप्त हो रहा है। इसमें कोई संदेह नहीं है।

हरियाणा के चुनावी नतीजों को लेकर विशेषज्ञों का बयान

हरियाणा के चुनाव परिणाम ज्यादा चौंकाने वाले नहीं होंगे। चुनाव से पहले लोगों द्वारा दी गई राय के अनुसार, परिणाम उसी के आस-पास रहने की संभावना है। मतदान समाप्त होने के बाद, विशेषज्ञों का कहना है कि चुनाव से पूर्व लोगों ने एक धारणा बना ली थी। वहीं, कम मतदान का यह मतलब नहीं है कि लोग सत्ता में बदलाव नहीं करना चाहते।

हालांकि, यह माना जाता है कि जब मतदान का प्रतिशत अधिक होता है, तब सत्ता परिवर्तन की संभावना बढ़ जाती है। विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि इस बार कांग्रेस के समर्थक मतदान के लिए सक्रिय रहे हैं, जबकि भाजपा समर्थकों में उदासी का माहौल देखने को मिला है। इसलिए, यह कहना गलत नहीं होगा कि इस बार भाजपा समर्थक मतदाताओं में रुझान कम देखने को मिला है।

चुनाव से पहले तैयार हो चुका था एक नरेटिव

मतदान से पहले ही लोगों के बीच एक स्पष्ट नरेटिव बन गया था। जब आप किसी आम व्यक्ति से बातचीत करते थे, तो उनके रुझान का पता चल जाता था। कांग्रेस के प्रति लोगों में एक झुकाव दिखाई दे रहा था। यह देखना दिलचस्प होगा कि लोगों ने किन मुद्दों के आधार पर अपना वोट डाला। क्या केवल जवान, पहलवान और किसान जैसे मुद्दे ही प्रमुख थे, या फिर कोई और मुद्दा भी था, जिसे ध्यान में रखते हुए मतदाता ने मतदान किया।

इसके अलावा, हरियाणा की क्षेत्रीय पार्टियों का भविष्य भी एक महत्वपूर्ण प्रश्न है। यदि मतदान की संख्या कम रहती है, तो सत्ताधारी दल को इसका नुकसान हो सकता है। संभव है कि उनके अपने समर्थकों में भी मतदान के प्रति उदासीनता उत्पन्न हो।पम्पा मुखर्जी, चेयरपर्सन राजनीति शास्त्र पीयू चंडीगढ़।

हरियाणा विधानसभा चुनाव में, मुख्यमंत्री ने मतदान के आंकड़ों के आधार पर कहा कि पिछले लहरों की तरह कोई उत्साह नहीं है। उन्होंने सत्ता विरोधी लहर के संकेत दिए और बताया कि भाजपा ओबीसी और गैर-जाट मतदाताओं पर निर्भर है। कांग्रेस जाट और अनुसूचित जाति का गठजोड़ मजबूत कर रही है। निर्दलीय उम्मीदवारों के परिणाम चौंकाने वाले हो सकते हैं, जबकि भाजपा के भीतर भितरघात और टिकट काटने के फैसले से समस्याएं सकती हैं।

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