हरियाणा विधानसभा चुनाव में रेवाड़ी सीट से कांग्रेस उम्मीदवार और लालू यादव के दामाद चिरंजीव राव को करारी हार का सामना करना पड़ा है। उन्हें बीजेपी के लक्ष्मण सिंह ने 28,909 मतों से हराया। चिरंजीव राव के लिए चुनाव प्रचार में राजद ने पूरा जोर लगाया था, लेकिन इसके बावजूद वे अपनी सीट नहीं बचा सके।
रेवाड़ी: हरियाणा विधानसभा चुनाव में रेवाड़ी सीट पर इस बार बड़ा उलटफेर हुआ है। कांग्रेस उम्मीदवार चिरंजीव राव, जो 2019 में जीतकर विधायक बने थे, को इस बार करारी हार का सामना करना पड़ा है। बीजेपी के लक्ष्मण सिंह ने उन्हें 28,909 मतों से हराया। लक्ष्मण सिंह ने कोसली की सीट छोड़कर रेवाड़ी से चुनाव लड़ा था। चिरंजीव राव, जो पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव के पुत्र हैं और आरजेडी प्रमुख लालू यादव के दामाद हैं, पहले राउंड के बाद से लगातार पिछड़ते गए। उनके चुनाव प्रचार में पूरा राजद महकमा जुटा था और तेज प्रताप यादव ने रेवाड़ी में रोड शो भी किया था।
कांग्रेस की लहर को देखते हुए उनकी जीत सुनिश्चित मानी जा रही थी, लेकिन नतीजे सभी के लिए चौंकाने वाले रहे। हरियाणा में बीजेपी को बड़ी जीत मिली है, जबकि कांग्रेस को इस बार मुंह की खानी पड़ी। बताया जा रहा है कि चिरंजीव राव कांग्रेस सरकार में डिप्टी सीएम की मांग कर रहे थे, लेकिन अब उनकी हार ने उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया हैं।
कांग्रेस का अभेद्द किला थी ये सीट
रेवाड़ी विधानसभा सीट हरियाणा में हमेशा से कांग्रेस का अभेद्द किला रहा है। 1967 से लेकर अब तक, यह सीट कांग्रेस के लिए एक मजबूत गढ़ साबित हुई है। पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव ने इस सीट से 1991 से 2009 के बीच लगातार पांच बार विधायक के रूप में जीत हासिल की। 2019 में कैप्टन अजय यादव के बेटे और लालू प्रसाद यादव के दामाद चिरंजीव राव ने 43,870 वोट लेकर चुनाव में विजयी रहे थे। हालांकि, इस बार बीजेपी के लक्ष्मण सिंह ने चिरंजीव राव को 28,909 मतों से हराकर एक बड़ा उलटफेर किया।
दिलचस्प बात यह है कि बीजेपी इस सीट पर सिर्फ एक बार, 2014 में जीत हासिल कर पाई थी। रेवाड़ी में बीजेपी की यह जीत कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती बनकर उभरी है, जो पहले से ही इस क्षेत्र में अपनी पकड़ खोने के संकेत दिखा रही थी।