मायावती ने हरियाणा चुनाव से पहले दलित समाज के लोगों से एक खास अपील की है, जिसमें उन्होंने कांग्रेस, बीजेपी और अन्य पार्टियों को वोट न देने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि दलितों के अधिकारों और उनके विकास के लिए यह जरूरी है कि वे अपने वोट का सही इस्तेमाल करें और उन पार्टियों का समर्थन न करें जो उनकी भलाई के लिए काम नहीं कर रही हैं।
चंडीगढ़: हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग में एक हफ्ते से भी कम समय रह गया है। इस अवसर पर बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती ने राज्य के दलित समाज से विशेष अपील की है। उन्होंने चुनाव में कांग्रेस, बीजेपी और अन्य पार्टियों को वोट न देने का आग्रह किया है। मायावती ने अपने सोशल मीडिया हैंडल 'एक्स' पर कहा कि कांग्रेस द्वारा दलितों की निरंतर उपेक्षा और तिरस्कार के चलते यह स्पष्ट है कि पार्टी के भीतर स्थिति सही नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि दलित समाज कांग्रेस और बीजेपी को अपना वोट देते हैं, तो इससे स्थिति और खराब होगी। उनका संदेश दलितों को अपने मताधिकार का सही इस्तेमाल करने और उन पार्टियों को न चुनने का है जो उनकी भलाई के लिए कार्य नहीं कर रही हैं।
मायावती ने हरियाणा की जनता से की अपील
मायावती ने अपनी अपील में आगे कहा, "कांग्रेस के नेता हमेशा से आरक्षण के खिलाफ रहे हैं, और अब वे आरक्षण को समाप्त करने की बात कर रहे हैं। ऐसे में, दलितों को अपना वोट एकतरफा बीएसपी को देना चाहिए, क्योंकि यही पार्टी उनके हितों और कल्याण की सुरक्षा के लिए संघर्षरत है।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि जम्मू-कश्मीर में दलित वर्ग के लोगों को कांग्रेस, बीजेपी और अन्य गठबंधनों के मिथ्या वादों में नहीं आना चाहिए। मायावती ने दलितों से कहा कि उन्हें इन पार्टियों के दलित विरोधी इतिहास को ध्यान में रखते हुए अपने कीमती वोट को एकतरफा बीएसपी को देना चाहिए। इस अपील के माध्यम से मायावती दलित समुदाय को एकजुट करने और उन्हें अपनी पार्टी की ओर आकर्षित करने का प्रयास कर रही हैं, ताकि आगामी चुनाव में BSP की स्थिति मजबूत हो सके।
मायावती ने कांग्रेस पर बोला हमला
मायावती ने हाल ही में हरियाणा कांग्रेस की नेता कुमारी शैलजा को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने कांग्रेस पर जोरदार हमला किया। उन्होंने अपने 'एक्स' पोस्ट में लिखा, "देश के राजनीतिक घटनाक्रमों से यह स्पष्ट है कि कांग्रेस और अन्य जातिवादी पार्टियों को केवल अपने बुरे दिनों में दलितों की याद आती है। लेकिन जब ये पार्टियां मजबूत होती हैं, तो दलित नेताओं को दरकिनार कर देती हैं और उनकी जगह जातिवादी लोगों को पदों पर बिठा देती हैं, जैसा कि अभी हरियाणा में हो रहा हैं।"
मायावती ने अपमानित हो रहे दलित नेताओं को बाबा साहेब डॉ. भीमराव आम्बेडकर से प्रेरणा लेकर कांग्रेस और अन्य जातिवादी पार्टियों से अलग होने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि दलितों को अपने समाज को इन पार्टियों से दूर रखने के लिए आगे आना चाहिए और अपने अधिकारों की रक्षा के लिए स्वयं को संगठित करना चाहिए।