हरियाणा में अपेक्षाओं के विपरीत परिणाम सामने आने के बाद कांग्रेस ने इसे स्वीकार करने से इंकार कर दिया है और आरोप लगाया है कि यह सब हेरफेर के जरिए किया गया है। कांग्रेस ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) पर सवाल उठाते हुए मतगणना की प्रक्रिया में भी अनियमितताओं का आरोप लगाया है।
Haryana Election Results: कांग्रेस ने हरियाणा में अपनी हार को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। पार्टी ने नतीजों में हेरफेर और गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कहा है कि वह इस मामले की शिकायत चुनाव आयोग से करेगी। कांग्रेस का आरोप है कि राज्य में उनकी जीत छीन ली गई है।
परिणामों को स्वीकार करने से किया इंकार
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मंगलवार शाम को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "हरियाणा में परिणाम पूरी तरह से अप्रत्याशित, आश्चर्यजनक और हमारी अपेक्षाओं के विपरीत हैं। यह वास्तविकता से भी अलग हैं। ये हरियाणा के लोगों द्वारा किए गए बदलाव के खिलाफ हैं। इन परिस्थितियों में, आज घोषित किए गए परिणामों को स्वीकार करना हमारे लिए संभव नहीं है।"
जयराम रमेश ने चुनावी नतीजों का किया विरोध
जयराम रमेश ने कहा कि आज हरियाणा में जो कुछ भी हुआ, वह हेरफेर की जीत है। उनका कहना है कि यह लोगों की इच्छाओं को विफल करने की जीत है और यह पारदर्शी एवं लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की हार है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि हरियाणा पर चर्चा का अध्याय अभी समाप्त नहीं हुआ है।
जयराम ने बताया कि उन्होंने चुनाव आयोग से संपर्क में रहकर शिकायतों का जवाब प्राप्त किया है। उन्हें हरियाणा के तीन जिलों में मतगणना प्रक्रिया और ईवीएम के संचालन के बारे में गंभीर शिकायतें मिली हैं। वह आयोग को अपनी प्रतिक्रिया भी दे चुके हैं।
इसके अलावा भी शिकायतें आ रही हैं। इस जानकारी को एकत्र किया जा रहा है, और हमें उम्मीद है कि हम इसे आज या कल चुनाव आयोग के सामने प्रस्तुत करेंगे। हमें हमारी जीत से वंचित कर दिया गया है।"
'हमारी जीत हमसे छीन ली गई': जयराम
जब उनसे पूछा गया कि क्या हरियाणा में 16 मौजूदा विधायकों के हारने और जम्मू-कश्मीर में केवल नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन में जीतने के बाद पार्टी को आत्मचिंतन की आवश्यकता है, तो उन्होंने जवाब दिया कि इसके लिए समय आएगा, लेकिन अभी सबसे महत्वपूर्ण यह है कि हमारी जीत हमसे छीन ली गई है। सिस्टम का दुरुपयोग किया गया है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, हरियाणा में कम से कम 12-14 सीटें ऐसी हैं, जहां उम्मीदवारों ने गंभीर सवाल उठाए हैं। यह मतगणना प्रक्रिया की ईमानदारी और ईवीएम की कार्यप्रणाली पर संदेह करता है। जब उनसे पूछा गया कि क्या पार्टी कानूनी कदम उठाएगी, तो जयराम ने कहा कि चुनाव आयोग उनका पहला पड़ाव है और उसके बाद वे यह तय करेंगे कि आगे क्या करना है।
चुनाव आयोग पर लगाया आरोप
ईवीएम पर उठाए गए प्रश्न उन्होंने कहा, "ईवीएम की विश्वसनीयता पर गंभीर प्रश्न खड़े होते हैं और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी पर अत्यधिक दबाव डाला गया है। हरियाणा में डबल इंजन की सरकार रही है, इसलिए यह दबाव भी डबल इंजन का था। जो उम्मीदवार अच्छे अंतर से आगे चल रहे थे, वे 50, 100 या 250 वोटों से हार गए। इसे केवल हेरफेर और दबाव के माध्यम से ही समझाया जा सकता है।"