Haryana Politics: हरियाणा में कांग्रेस के साथ हो सकता हैं 'खेला', भाजपा ने कुमारी शैलजा को पार्टी में शामिल होने का दिया ऑफर, जानिए क्या है मामला?

Haryana Politics: हरियाणा में कांग्रेस के साथ हो सकता हैं 'खेला', भाजपा ने कुमारी शैलजा को पार्टी में शामिल होने का दिया ऑफर, जानिए क्या है मामला?
Last Updated: 22 सितंबर 2024

हरियाणा में कांग्रेस की स्थिति कमजोर होती दिखाई दे रही है, खासकर कुमारी शैलजा की नाराजगी के चलते। उन्हें भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गुट को मिल रही प्राथमिकता से असंतोष है। अब ऐसी खबरें रही हैं कि उन्हें बीजेपी में शामिल होने का प्रस्ताव मिला है। यदि वे बीजेपी में शामिल होती हैं, तो इससे कांग्रेस को और झटका लग सकता है और राजनीतिक समीकरणों में भी बदलाव सकता हैं।

चंडीगढ़: हरियाणा में विधानसभा चुनावों की पृष्ठभूमि में कांग्रेस के अंदर चल रही अंतर्द्वंद्वों ने स्थिति को काफी जटिल बना दिया है। कुमारी शैलजा का भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मतभेद और बीजेपी द्वारा उन्हें शामिल होने का प्रस्ताव देने से राजनीतिक स्थिति और भी रोचक हो गई है। यदि शैलजा बीजेपी में शामिल होती हैं, तो यह केवल कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका होगा, बल्कि हरियाणा में बीजेपी की स्थिति को भी मजबूत कर सकता है। इससे कांग्रेस के भीतर अंदरूनी कलह और बढ़ सकती है, जिससे उनकी चुनावी तैयारी प्रभावित हो सकती है। इस परिस्थिति में सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या कांग्रेस अपनी एकता बनाए रख पाएगी या इस झगड़े के चलते उनका राजनीतिक जहाज डूब जाएगा। सभी की निगाहें इस बात पर होंगी कि कुमारी शैलजा और उनकी पार्टी क्या कदम उठाती हैं।

क्या है मामला?

हरियाणा में चुनावी माहौल में कुमारी शैलजा की स्थिति और बीजेपी द्वारा उन्हें शामिल होने का ऑफर चर्चा का विषय बन गया है। मनोहर लाल खट्टर का बयान इस बात को और उग्र करता है कि कांग्रेस में शैलजा के साथ उचित व्यवहार नहीं किया जा रहा है। अगर शैलजा बीजेपी में शामिल होती हैं, तो यह केवल कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका होगा, बल्कि यह हरियाणा की राजनीति में एक नई दिशा भी दे सकता है। कांग्रेस का रिएक्शन, जिसमें सब कुछ ठीक होने का दावा किया जा रहा है, इस संकट को काबू करने की कोशिश है। लेकिन अंततः चुनाव नतीजे ही इस बात का फैसला करेंगे कि कौन सा दल ज्यादा मजबूत स्थिति में हैं।

शैलजा अपनी पार्टी से क्यों है नाराज?

हरियाणा कांग्रेस में अंदरूनी कलह की जानकारी सामने रही है, जिसमें कुमारी शैलजा की नाराजगी प्रमुखता से है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गुट को मिलने वाली प्राथमिकता के कारण शैलजा ने अभी तक चुनाव प्रचार में भाग नहीं लिया है। सूत्रों के अनुसार, शैलजा खुद उकलाना से चुनाव लड़ना चाहती थीं, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया, जो उनकी नाराजगी का मुख्य कारण है। इस स्थिति में उनके भतीजे हर्ष को टिकट देने का प्रस्ताव रखा गया था, लेकिन शैलजा इसके लिए सहमत नहीं हुईं।

कांग्रेस की उम्मीदवारों की लिस्ट में केवल 7 उम्मीदवार शैलजा के करीबी माने जा रहे हैं, जबकि 78 उम्मीदवार हुड्डा गुट के हैं। यह संतुलन कांग्रेस में गुटबाजी और शैलजा के लिए चुनौती पेश कर सकता है। यदि यह स्थिति बनी रही, तो कांग्रेस के लिए आगामी चुनाव में सफल होना मुश्किल हो सकता हैं।

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