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हजारीबाग हिंसा: झारखण्ड विधानसभा में हंगामा, BJP ने सरकार पर साधा निशाना

हजारीबाग हिंसा: झारखण्ड विधानसभा में हंगामा, BJP ने सरकार पर साधा निशाना
अंतिम अपडेट: 27-03-2025

हजारीबाग में महाशिवरात्रि के अवसर पर आयोजित मंगलवारी जुलूस के दौरान हुई हिंसा का मामला झारखंड विधानसभा में जोरशोर से उठा। बुधवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायकों ने इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन किया और निष्पक्ष जांच की मांग की। 

हजारीबाग: झारखंड विधानसभा में बुधवार को हजारीबाग की घटना को लेकर जमकर हंगामा हुआ। विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया और सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। BJP विधायकों ने सवाल किया कि आखिर हिंदू त्योहारों के दौरान ही इस तरह की हिंसक घटनाएं क्यों हो रही हैं?

सदन में गूंजा हजारीबाग मामला

सदन की कार्यवाही शुरू होते ही हजारीबाग के BJP विधायक प्रदीप प्रसाद ने इस मामले को जोरशोर से उठाया। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी समेत अन्य विधायक भी आसन के सामने पहुंच गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। मरांडी ने कहा कि जब ईद और मुहर्रम शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो सकते हैं, तो हिंदू पर्वों पर ही हिंसा क्यों भड़काई जाती है? उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रशासन अपराधियों को संरक्षण दे रहा हैं। 

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि वर्तमान में तकनीक इतनी उन्नत हो चुकी है कि ड्रोन, CCTV कैमरा और लाइटिंग का उपयोग कर उपद्रवियों की पहचान की जा सकती थी। उन्होंने आरोप लगाया कि हिंसा की साजिश पहले से रची गई थी और जानबूझकर लाइट बंद कर पत्थरबाजी की गई। उन्होंने सरकार से मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की।

सरकार ने दिया जवाब

संसदीय कार्य मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने विपक्ष के विरोध के बीच बयान देते हुए कहा कि सरकार इस घटना को गंभीरता से ले रही है। उन्होंने बताया कि हजारीबाग पुलिस ने एडीजी को अपनी रिपोर्ट भेज दी है, जिसमें घटना के पीछे विवादित गानों के बजने का जिक्र किया गया है। मंत्री ने सदन को जानकारी दी कि हिंसा में शामिल दोनों पक्षों के पांच-पांच लोगों को नामजद किया गया है, जबकि 200-200 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर जांच जारी हैं। 

उन्होंने कहा कि प्रशासन ने अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात कर दिए हैं और पूरे क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी गई है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। सरकार ने यह भी आश्वासन दिया कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन सख्त निगरानी करेगा और जरूरत पड़ने पर संवेदनशील इलाकों में पहले से अतिरिक्त बल तैनात किए जाएंगे। विपक्ष हालांकि सरकार के जवाब से संतुष्ट नहीं दिखा और जांच की निगरानी के लिए विशेष समिति बनाने की मांग करता रहा। 

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