हरियाणा भाजपा के वरिष्ठ नेता कुलदीप बिश्नोई ने हाल ही में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल से मुलाकात की, जो प्रदेश की राजनीति में संभावित बदलावों के संकेत के तौर पर देखी जा रही है। इस मुलाकात में दोनों नेताओं के बीच हरियाणा की राजनीतिक परिस्थितियों और भविष्य की रणनीतियों पर चर्चा हुई।
चंडीगढ़: हरियाणा की राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है। पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल से भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई की एक घंटे लंबी मुलाकात ने सियासी गलियारों में हलचल तेज कर दी है। यह मुलाकात ऐसे समय पर हुई है जब प्रदेश में बोर्ड और निगमों में नए चेयरमैनों की नियुक्तियों को लेकर जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं, और हरियाणा भाजपा में आंतरिक समायोजन की संभावनाएं बन रही हैं।
निजी मुलाकात, लेकिन राजनीतिक संकेत स्पष्ट
बुधवार को दिल्ली में कुलदीप बिश्नोई, केंद्रीय ऊर्जा, आवास एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल से उनके आवास पर मिले। बैठक की जानकारी खुद बिश्नोई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर साझा की और मनोहर लाल की राजनीतिक दूरदृष्टि की सराहना की। हालांकि उन्होंने इसे एक "सामान्य मुलाकात" बताया, लेकिन हरियाणा की राजनीतिक फिज़ा में इसे सामान्य मानना मुश्किल हो रहा है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह मीटिंग ऐसे समय पर हुई है जब भाजपा संगठन और सरकार दोनों स्तरों पर संतुलन साधने की कवायद चल रही है। कुलदीप बिश्नोई इस समय संगठन में अपनी भूमिका और अपने समर्थकों को उचित स्थान दिलवाने के प्रयास में लगे हुए हैं।
टिकट कटने के बाद बढ़ी सक्रियता
लोकसभा चुनाव 2024 में कुलदीप बिश्नोई को टिकट नहीं मिला था। न ही विधानसभा स्तर पर उनके काम को पार्टी में अपेक्षित महत्व मिला है। जानकारों का मानना है कि कुलदीप अब अपनी राजनीतिक हैसियत और प्रभाव को बनाए रखने के लिए बोर्ड और निगमों जैसी संस्थाओं में अपने करीबी नेताओं को समायोजित करने के पक्ष में रणनीति बना रहे हैं।
उनके पिता और हरियाणा के दिग्गज नेता भजनलाल की पुण्यतिथि हाल ही में 3 जून को पूरे प्रदेश में धूमधाम से मनाई गई, जिसे भी शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा गया। अब यह बैठक इसी शक्ति प्रदर्शन का विस्तार मानी जा रही है।
बोर्ड-निगमों में नियुक्तियों की पृष्ठभूमि
हरियाणा में कई बोर्डों और निगमों के चेयरमैन पद खाली हैं और इन पर नियुक्तियां जल्द की जानी हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा इन नियुक्तियों को सामाजिक संतुलन और संगठनात्मक मजबूती के लिहाज़ से देख रही है। इसमें बिश्नोई जैसी प्रभावशाली जातीय और क्षेत्रीय पकड़ रखने वाले नेताओं की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। कुलदीप की यह कोशिश भी है कि भजनलाल परिवार के वफादार नेताओं को जिम्मेदार पदों पर नियुक्त कर अपने प्रभाव को और मजबूत किया जाए।
मनोहर लाल की भूमिका अब भी अहम
हालांकि अब मनोहर लाल मुख्यमंत्री नहीं हैं, लेकिन प्रदेश भाजपा में उनकी पकड़ और संगठन में उनका कद अभी भी बेहद मजबूत है। केंद्रीय मंत्री बनने के बाद भी हरियाणा भाजपा संगठन अक्सर उनकी सलाह लेता है। ऐसे में कुलदीप बिश्नोई का उनसे मिलना इस ओर संकेत करता है कि बिश्नोई अपने राजनीतिक भविष्य की दिशा तय करने से पहले मनोहर लाल से सामंजस्य बैठा रहे हैं। यह भी चर्चा है कि संगठन में संभावित फेरबदल या आगामी नियुक्तियों से पहले बिश्नोई ने यह बैठक पूर्व सहमति और समर्थन जुटाने के उद्देश्य से की है।