महबूबा मुफ्ती ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात की। कश्मीरी पंडितों की वापसी, जमीन और सीट आरक्षण की मांग की। सरकार से शीघ्र निर्णय की अपील की।
Mehbooba Mufti News: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने पांच साल में पहली बार उप-राज्यपाल (LG) मनोज सिन्हा से मुलाकात की। यह मुलाकात सोमवार (2 जून) को हुई, जिसमें महबूबा मुफ्ती ने कश्मीरी पंडितों की वापसी, उनके लिए जमीन और विधानसभा में सीट आरक्षण की मांग की। इस मुलाकात के बाद महबूबा मुफ्ती ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्होंने एलजी को एक लिखित पत्र सौंपा, जिसकी प्रतियां मुख्यमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी भेजी गई हैं।
कश्मीरी पंडितों की वापसी पर महबूबा का जोर
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 74,000 से अधिक विस्थापित कश्मीरी पंडित परिवारों में से कई लोग वापस अपने घर लौटना चाहते हैं। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि इन परिवारों को सुरक्षित और सम्मानजनक वापसी में हर संभव सहायता दी जाए। उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडितों को उनके गृह जिलों में आधा कनाल जमीन दी जाए, ताकि वे फिर से अपनी जड़ों से जुड़ सकें।
सीट आरक्षण की मांग
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा में कश्मीरी पंडितों के लिए दो नॉमिनेटेड सीट्स दी गई थीं। उन्होंने मांग की कि अब इन सीट्स को आरक्षित सीट में बदल दिया जाए, ताकि कश्मीरी पंडितों की राजनीतिक भागीदारी और आवाज को मजबूत किया जा सके। उन्होंने कहा कि यह न केवल एक राजनीतिक कदम है, बल्कि एक बड़ा सामाजिक संदेश भी है कि कश्मीरी पंडितों को मुख्यधारा में शामिल करने की कोशिश की जा रही है।
अमरनाथ यात्रा और कश्मीरी पंडितों का मुद्दा
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि अमरनाथ यात्रा में सिर्फ सुरक्षा और प्रशासन की भूमिका नहीं होनी चाहिए, बल्कि स्थानीय समाज को भी इसमें शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडितों की वापसी केवल सरकार का ही नहीं, बल्कि पूरे समाज का एजेंडा होना चाहिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी इस मुद्दे को अपने राजनीतिक एजेंडे में शामिल करेगी और इसके लिए हर संभव प्रयास करेगी।
उमर अब्दुल्ला पर हमला
महबूबा मुफ्ती ने पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब विधानसभा में अनुच्छेद 370 पर चर्चा हो रही थी, तब उमर अब्दुल्ला ट्यूलिप गार्डन में घूम रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि उमर सरकार ने कश्मीरी पंडितों के मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया। महबूबा ने कहा कि उन्होंने इस विषय पर सभी को चिट्ठी लिखी, लेकिन अगर उमर सरकार इसे हल्के में लेती है, तो वे कुछ नहीं कर सकतीं। उन्होंने दोहराया कि कश्मीरी पंडितों की वापसी उनकी पार्टी का प्रमुख एजेंडा है।
केंद्र सरकार से समर्थन का दावा
महबूबा मुफ्ती ने बताया कि उन्होंने इस विषय पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री ने कश्मीरी पंडितों के लिए सीट आरक्षण और उनकी वापसी को लेकर सहमति जताई है। महबूबा ने कहा कि अब इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार के सामने भेजा जाएगा, लोकसभा और राज्यसभा से पारित कराकर इसे लागू करने की कोशिश की जाएगी।
परिसीमन और पंचायत चुनाव की तैयारी
जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनाव की तैयारियां भी तेज हो गई हैं। जून तक परिसीमन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। महबूबा ने कहा कि यह एक सकारात्मक संकेत है कि पंचायत चुनाव समय पर कराए जाएंगे और कश्मीरी पंडितों को भी इसमें भागीदारी का मौका मिलेगा।