महबूबा मुफ्ती ने फारूक अब्दुल्ला के बयान पर नाराज़गी जताई। कहा, उनके बयान से कश्मीरी युवाओं को फंसाया जा रहा है। दो युवकों की मौत पर उठाए सवाल।
Mehbooba vs Farooq: पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने एक बार फिर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता फारूक अब्दुल्ला पर सीधा निशाना साधा है। उन्होंने फारूक के उस बयान को “दुर्भाग्यपूर्ण” बताया, जिसमें उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले के पीछे लोकल सपोर्ट की आशंका जताई थी। महबूबा ने कहा कि इस तरह के बयानों की वजह से कश्मीर के निर्दोष युवाओं को निशाना बनाया जा रहा है और उनके साथ गलत सलूक हो रहा है।
फारूक अब्दुल्ला के बयान पर सवाल
दरअसल, फारूक अब्दुल्ला ने हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले पर बोलते हुए कहा था, “ऐसे हमले लोकल मदद के बिना मुमकिन नहीं।” इस बयान के बाद ही महबूबा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा कि इस तरह के बयान कश्मीरी युवाओं के खिलाफ माहौल बनाने का काम कर रहे हैं।
“थाने बुलाकर मिल रही हैं लाशें”
अनंतनाग में मीडिया से बात करते हुए महबूबा मुफ्ती ने दो ताजा मामलों का हवाला दिया। उन्होंने बताया कि बांदीपोरा के रहने वाले अल्ताफ लाली को थाने बुलाया गया था। वह अपनी बहन के साथ गया, बहन को तो वापस भेज दिया गया लेकिन कुछ दिन बाद अल्ताफ की लाश मिली।
इसी तरह कुलगाम के इम्तियाज मागरे को भी आर्मी द्वारा बुलाया गया, जिसके बाद उसकी भी लाश दरिया से बरामद हुई। महबूबा ने गुस्से में कहा, "अगर कश्मीरी खुद आकर सहयोग कर रहे हैं, तो आप उन्हें शव बनाकर क्यों भेज रहे हो? क्या इसी तरह आप लोगों के दिल जीतोगे?"
“हर कश्मीरी आदिल शाह है”
महबूबा मुफ्ती ने कश्मीरी युवाओं की तुलना आदिल शाह से की, जो जान बचाने के लिए अपनी जान गंवा बैठा था। उन्होंने कहा कि कश्मीरियों ने बार-बार शांति का हाथ बढ़ाया है, लेकिन उन्हें लाशें मिल रही हैं। “अल्ताफ के दो छोटे बच्चे हैं, मागरे का छोटा भाई है… आप रिश्तों को इस तरह और दूर कर रहे हो।”
उपराज्यपाल और केंद्र से अपील
महबूबा ने उपराज्यपाल से मांग की कि इन मामलों की निष्पक्ष जांच हो और पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाए। उन्होंने कहा, “अगर कश्मीरी लोग आपके साथ खड़े हो रहे हैं तो आप भी आगे बढ़िए, उन्हें जख्म नहीं दीजिए। दहशतगर्द और आम नागरिक में फर्क कीजिए।”