Jharkhand Election: महागठबंधन टूटने की कगार पर? कांग्रेस ने निर्दलीय को दिया सिंबल, RJD में बढ़ेगी तकरार

Jharkhand Election: महागठबंधन टूटने की कगार पर? कांग्रेस ने निर्दलीय को दिया सिंबल, RJD में बढ़ेगी तकरार
Last Updated: 1 घंटा पहले

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस और राजद के बीच का विवाद बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस ने हुसैनाबाद से एक निर्दलीय प्रत्याशी को अपना सिंबल दे दिया है, जिससे दोनों दलों के बीच तकरार और बढ़ गई है। इसके अलावा, माले ने भी गठबंधन से अलग होने का अल्टीमेटम दिया है। इस विवाद के चलते गठबंधन की मजबूती पर खतरा मंडरा रहा है।

Jharkhand: झारखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के बीच विवाद बढ़ता नजर रहा है। कांग्रेस ने हुसैनाबाद से एक निर्दलीय प्रत्याशी को चुनाव चिन्ह दे दिया है। कांग्रेस और राजद की आपसी खींचतान के बीच, पूर्व माले के साथ झामुमो का मामला भी उलझ चुका है। माले ने इसी कारण से गठबंधन से अलग होने का अल्टीमेटम भी जारी कर दिया है। कुल मिलाकर, गठबंधन के भीतर का विवाद गहराता जा रहा है, जो आगामी चुनाव में एक कमजोर कड़ी के रूप में सामने सकता है।

RJD के बीच बढ़ा विवाद

रविवार की रात हुसैनाबाद से कांग्रेस ने मो.तौसीफ को सिंबल आवंटित कर दिया है। तौसीफ एक पुराने कांग्रेसी हैं और उन्होंने पार्टी की लाइन से अलग होकर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन किया था। तौसीफ को कांग्रेस से सिंबल मिलने के बाद दोनों दलों के बीच विवाद बढ़ने की संभावना है। इस बीच कयास लगाए जा रहे हैं कि चुनाव के नजदीक आते-आते गठबंधन भी टूट सकता है। यह भी ज्ञात है कि देवघर को छोड़कर राजद कोटे की सभी सीटों पर कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं।

पोस्टल बैलेट से मतदान को बढ़ावा

विधानसभा चुनाव में पोस्टल बैलेट से मतदान करने वाले मतों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना है। इस बार, 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं को उनके घर पर ही पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान करने की सुविधा पहली बार दी जा रही है। साथ ही, पहली बार 40 प्रतिशत या उससे अधिक दिव्यांगता वाले मतदाताओं और चुनाव ड्यूटी में लगे मीडियाकर्मियों को भी यह सुविधा प्रदान की जाएगी, जिन्हें चुनाव आयोग द्वारा चुनाव ड्यूटी के लिए पहचान पत्र जारी किया गया है।

इससे पहले, वर्ष 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में केवल सर्विस वोटर और वे सरकारी कर्मचारी, जो चुनाव ड्यूटी पर थे, को पोस्टल बैलेट से मतदान करने की सुविधा मिली थी। उस समय पोस्टल बैलेट के माध्यम से कुल 45,918 वोट डाले गए थे।

टोल फ्री नंबर किए जारी

चुनाव आयोग ने अधिक से अधिक मतदाताओं को पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान करने के लिए प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया है। इसके तहत मतदाताओं को फॉर्म 12-डी भरने के लिए निर्देशित किया जा रहा है और जिला स्तर पर टोल फ्री नंबर जारी किए जा रहे हैं। इस बार बुजुर्गों, दिव्यांग जनों और मीडिया कर्मियों को भी यह सुविधा उपलब्ध होगी। यह सुविधा पिछले लोकसभा चुनाव में सफल रही थी, जिससे पोस्टल बैलेट से पड़े मतों की संख्या बढ़ी थी।

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