झारखंड के नगर निकायों में लोकपाल नियुक्ति की संभावना है। राज्य वित्त आयोग ने इसकी अनुशंसा की, जिससे शिकायतों का समाधान आसान होगा और सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा।
Jharkhand: झारखंड के नगर निकायों में लोकपाल की नियुक्ति को लेकर राज्य सरकार जल्द ही बड़ा फैसला ले सकती है। झारखंड राज्य वित्त आयोग ने इसकी अनुशंसा की है, जिससे निकायों में व्याप्त समस्याओं का समाधान करने में सहायता मिलेगी। आयोग ने झारखंड म्युनिसिपल एक्ट के तहत लोकपाल बहाल करने की प्रक्रिया तेज करने की सिफारिश की है।
शिकायतों के निवारण और राजस्व में वृद्धि की संभावना
लोकपाल की नियुक्ति से नागरिकों की शिकायतों के त्वरित निपटारे में मदद मिलेगी। इसके साथ ही सरकार के राजस्व में भी इजाफा होगा। आयोग ने सुझाव दिया है कि प्रॉपर्टी टैक्स और अन्य शुल्कों की उचित वसूली सुनिश्चित करने के लिए सभी नगर निकायों को अपनी संपत्तियों का सही विवरण रखना चाहिए।
राज्य को आर्थिक नुकसान, वित्त आयोग की चिंता
झारखंड राज्य वित्त आयोग की अनुशंसा के अनुसार, झारखंड नगरपालिका अधिनियम का पूरी तरह से पालन नहीं होने से राज्य को आर्थिक नुकसान हो रहा है। आयोग ने सभी संपत्तियों से प्रॉपर्टी टैक्स वसूली के लिए विशेष अभियान चलाने की सिफारिश की है। साथ ही, होल्डिंग टैक्स, वॉटर चार्ज और अन्य विवादों के त्वरित समाधान के लिए जन लोकपाल नियुक्त करने की अनुशंसा की गई है।
संपत्तियों की सटीक गणना के लिए नई तकनीक का उपयोग
आयोग ने जीआईएस मैपिंग तकनीक का उपयोग कर शहरी क्षेत्रों में सभी संपत्तियों का समुचित रिकॉर्ड तैयार करने की बात कही है, जिससे टैक्स वसूली की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जा सके।
राज्य सरकार का खर्च और बजट प्रबंधन
झारखंड सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए 1.28 लाख करोड़ रुपये का बजट बनाया था, लेकिन अब तक केवल 1.05 लाख करोड़ रुपये ही खर्च किए जा सके हैं। शनिवार को निकासी का अंतिम दिन था, जिसके बाद अब केवल पहले से जमा राशि का समर्पण किया जा सकता है।
राज्य सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष के समापन से पहले तीन हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया है, जिसे विभिन्न विभागों को आवंटित किया गया है। वित्तीय वर्ष के अंतिम आंकड़े सोमवार तक सामने आने की संभावना है।