झारखंड रेप-मर्डर केस में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, दोषी की मौत की सजा पर दी लगाई रोक, जानें वजह

झारखंड रेप-मर्डर केस में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, दोषी की मौत की सजा पर दी लगाई रोक, जानें वजह
Last Updated: 1 दिन पहले

सुप्रीम कोर्ट ने एक इंजीनियरिंग छात्रा के रेप और मर्डर के दोषी की मौत की सजा पर रोक लगा दी है। यह मामला उस आरोपी का है जिसने एक युवती से बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी थी। अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए दोषी की सजा को स्थगित किया, जिसके बाद इस फैसले पर देशभर में चर्चाएं शुरू हो गई हैं।

Jharkhand: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक अहम फैसले में रेप और मर्डर के दोषी की मौत की सजा पर रोक लगा दी। आरोपी ने झारखंड की राजधानी रांची में 19 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्रा से बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी थी। मामले में दोषी ठहराते हुए 30 वर्षीय आरोपी को निचली अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी, जिसे झारखंड हाई कोर्ट ने भी सही ठहराया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले पर रोक लगाते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए रिकॉर्ड की प्रति मांगी है।

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति सूर्यकांत, पंकज मिथल और उज्जल भुइयां शामिल थे, ने मामले के निचली अदालत और हाई कोर्ट के रिकॉर्ड की अनुवादित प्रति मांगते हुए मृत्युदंड की तामील पर रोक लगाने का आदेश दिया। पीठ ने यह भी निर्देशित किया कि निचली अदालत और हाई कोर्ट से रिकॉर्ड की प्रति प्राप्त की जाए।

क्या था हत्या का मामला?

यह मामला 15 दिसंबर 2016 का है, जब 19 वर्षीय छात्रा के साथ बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी गई और शव को जलाने की कोशिश की गई थी। दिसंबर 2019 में निचली अदालत ने आरोपी राहुल कुमार उर्फ राहुल राज को मौत की सजा सुनाई थी, जिसे हाई कोर्ट ने सितंबर 2023 में सही ठहराया। राहुल कुमार बिहार के नवादा जिले का निवासी है।

यूपी में आजीवन कारावास की सजा

वहीं, उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले में एक अन्य अदालत ने पुरानी दुश्मनी के चलते नाबालिग लड़के के अपहरण और हत्या के दोषी तीन व्यक्तियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने सागर मधेशिया, विष्णु मधेशिया और मुकेश मधेशिया को हत्या का दोषी ठहराते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई, साथ ही प्रत्येक आरोपी पर 40,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।

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