चंपई सोरेन ने झारखंड सरकार के मंत्रीमंडल से इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही उन्होंने झामुमो से भी अपने संबंध समाप्त कर दिए हैं। इस बीच, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनकी जगह पर झामुमो के एक प्रमुख विधायक को नियुक्त करने की योजना बना ली है। इससे झारखंड की राजनीतिक हलचल में तेजी आ सकती है।
Ranchi: झारखंड में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने झामुमो से अपने रिश्ते तोड़ लिए हैं। उन्होंने अपनी मंत्रिमंडल की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है। चंपई सोरेन शुक्रवार को भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं। इस बीच, हेमंत सोरेन के मंत्रिमंडल में उनकी जगह अब कौन लेगा? इसका उत्तर भी मिल गया है।
वास्तव में, घाटशिला विधायक रामदास सोरेन हेमंत सोरेन के मंत्रिमंडल के 12वें मंत्री होंगे। उन्हें आज यानि शुक्रवार को शपथ दिलाई जाएगी। मंत्रिमंडल निगरानी एवं समन्वय विभाग ने इस जानकारी की पुष्टि की है। सूत्रों के अनुसार, चंपई सोरेन को जो विभाग सौंपे गए थे, वे सभी अब रामदास सोरेन को मिलेंगे।
चंपई सोरेन ने छोड़ी पार्टी
चंपई सोरेन ने पार्टी छोड़ने के बाद सीधे राज्यपाल को अपना इस्तीफा भेज दिया है। उन्होंने अपने तीन पंक्तियों के इस्तीफे में मंत्री पद से त्यागपत्र देने की बात कही है। साथ ही, उन्होंने लिखा है कि मंत्रिमंडल के सहयोगी के रूप में काम करने का अवसर देने के लिए वे हमेशा आभारी रहेंगे।
जानकारी के लिए बता दें कि इस्तीफे के साथ चंपई ने झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन को भी एक भावुक पत्र प्रेषित किया था। चंपई ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के सभी पदों से इस्तीफा देते हुए लिखा कि मैं चंपाई सोरेन, झारखंड मुक्ति मोर्चा की वर्तमान कार्यशैली और नीतियों से असंतुष्ट होकर, पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर हूं।
उन्होंने आगे लिखा कि अत्यंत दुःख के साथ कहना पड़ रहा है कि आपके मार्गदर्शन में जिस पार्टी का सपना हम जैसे कार्यकर्ताओं ने देखा था, और जिसके लिए हमने जंगलों, पहाड़ों और गांवों की खाक छानी थी, आज वह पार्टी अपनी मूल दिशा से भटक गई है।
झामुमो मेरे लिए एक परिवार की भांति रहा - चंपई
चंपई ने कहा कि झामुमो मेरे लिए एक परिवार जैसा रहा है और मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मुझे इसे छोड़ना पड़ेगा। लेकिन हाल के कुछ घटनाक्रमों ने मुझे बहुत पीड़ा के साथ यह कठिन निर्णय लेने पर मजबूर किया है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने भावुक शब्दों में लिखा कि आपके वर्तमान स्वास्थ्य के कारण, आप सक्रिय राजनीति से दूर हैं, और पार्टी में ऐसा कोई अन्य मंच नहीं है, जहां हम अपनी भावनाओं और पीड़ा को साझा कर सकें।
इस कारण, मैं झारखंड मुक्ति मोर्चा की प्राथमिक सदस्यता एवं सभी पदों से इस्तीफा दे रहा हूं। आपके मार्गदर्शन में, झारखंड आंदोलन के दौरान और उसके बाद, मुझे जीवन में बहुत कुछ सीखने का अवसर मिला है। आप हमेशा मेरे मार्गदर्शक बने रहेंगे। इसलिए, मैं आपसे विनम्र निवेदन करता हूं कि कृपया मेरा इस्तीफा स्वीकार करें।