यमुना नहर के पानी को लेकर शहर और गांवो में आंदोलन तेज हो गया है. पांच राज्यों के बीच 1994 में हुए यमुना जल समझौते को लागु करने की मांग को लेकर गुरुवार को SFI, DYFI, नौजवान सभा और अखिल भारतीय किसान सभा ने मशाल जुलुस निकाला। यह मशाल जुलुस शिक्षा भवन से एक नंबर रोड़ होते हुए शहीद स्मारक पार्क पर सम्पन्न हुआ।
Subkuz.com को DYFI के जिलाध्यक्ष राजेश बिजारणिया ने बताया कि 1994 में यमुना जल समझौते के तहत शेखावाटी के तीन जिलों झुंझुनूं, चूरू और नीमकाथाना को यमुना नहर का पानी मिलना था लेकिन आज तक जनता को पानी नहीं मिला। कांग्रेस और बीजेपी सरकार ने एक दूसरे पर आरोप लगाते हुए 30 साल निकाल दिए।
यमुना समझौते को लेकर कारकर्ताओं विचार
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नौजवान सभा के जिला सचिव बिलाल कुरैशी ने बताया कि यमुना जल समझौते को लेकर हरियाणा जिला बाधा उत्पन्न कर रहा है। हरियाणा और राजस्थान में अलग-अलग पार्टी की सरकार होने के कारण एक दूसरे पर आरोप लगाते थे। लेकिन अभी राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी की सरकार बनी है तथा हरियाणा और केंद्र में भी भाजपा की सरकार है. भाजपा सरकार को जनता के भविष्य को ध्यान में रखते हुए जल्द-जल्द से यमुना जल समझौते को लागु करना चाहिए।
Subkuz.com की खबरों के अनुसार SFI के राज्य उपाध्यक्ष पंकज गुर्जर ने बताया कि नासा रिपोर्ट में यह साफ हो चूका है की विश्व में पानी को लेकर शेखावाटी भयानक समस्या है। कृषि के आलावा पीने के पानी की भी गंभीर समस्या बनी हुई है. ऐसे ही चलता रहा तो भविष्य में पानी की बहुत ज्यादा किल्लत होगी। इसलिए जल्द से जल्द नहर का पानी आना चाहिए।
मशाल जुलुस में शामिल कार्यकर्ता एवं अन्य लोग
यमुना जल समझौते को लेकर निकले गए मशाल जुलूस के दौरान किसान नेता सुमेर सिंह बुडानिया, महिपाल पुनिया, साहिल कुरैशी, पार्षद विजेंद्र लांबा, विजय यादव, सिकंदरा खान, कृष्ण सैनी, राहुल सैनी,शाहीद चौबदार, अमान चौहान, साजिद, दीपक बागोरिया, समीर कुरेशी, मनोज कुमार, अमन बाकोलिया राकेश शर्मा सहित अन्य कार्यकर्त्ता एवं जनप्रतिनिधि शामिल थे।