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Justice Yashwant Varma के तबादले पर कॉलेजियम ने लिया अहम फैसला, सरकार जल्द करेगी निर्णय

Justice Yashwant Varma के तबादले पर कॉलेजियम ने लिया अहम फैसला, सरकार जल्द करेगी निर्णय
अंतिम अपडेट: 1 दिन पहले

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस यशवंत वर्मा को इलाहाबाद हाई कोर्ट भेजने की सिफारिश की, सरकार जल्द निर्णय लेगी। जले हुए नोटों के मामले में जस्टिस वर्मा ने आरोपों को नकारा।

Justice Yashwant Varma controversy: सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के तबादले को लेकर एक अहम फैसला लिया है। कॉलेजियम ने जस्टिस वर्मा को इलाहाबाद हाई कोर्ट भेजने पर सहमति जाहिर की है और इस सिफारिश को सरकार को भेज दिया है। उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार अगले एक या दो दिनों में इस पर अंतिम फैसला लेगी। हालांकि, इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने इस सिफारिश का विरोध किया है और जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग की मांग की थी।

जस्टिस वर्मा के आवास पर जले हुए नोटों की गड्डियां

गौरतलब है कि जस्टिस यशवंत वर्मा के दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर 22 मार्च को आग लगने से कई विवाद खड़े हो गए थे। आग की घटना के बाद, फायर ब्रिगेड ने जले हुए नोटों की गड्डियां बरामद की थीं, जिनमें 500 रुपये के आधे-अधूरे और फटे हुए नोट मिले थे। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस घटना में करीब 15 करोड़ रुपये के जले हुए नोट मिले। इस मामले में पुलिस और फायर ब्रिगेड से मिले सबूतों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने अपनी वेबसाइट पर तस्वीरें और वीडियो जारी किए हैं। इन वीडियो में जस्टिस वर्मा के आवास के पास से जले हुए नोटों के नए सबूत मिले हैं।

जस्टिस वर्मा का इनकार, कहा- यह पैसा मेरा नहीं

इस विवाद में जस्टिस वर्मा ने अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए इनकार किया है। उन्होंने कहा कि उनके या उनके परिवार के किसी सदस्य द्वारा कभी भी अपने सरकारी आवास के स्टोर रूम में नकदी नहीं रखी गई थी। जस्टिस वर्मा ने इन आरोपों को गलत और निराधार बताते हुए कहा कि यह पैसा उनका नहीं था।

इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की आपत्ति

इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने इस मामले पर अपनी आपत्ति जताई है और जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग की मांग की है। उनका कहना है कि इस सिफारिश के पीछे कुछ न कुछ गंभीर मामला हो सकता है और इसे उच्चतम न्यायालय के विचाराधीन होना चाहिए।

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