कांग्रेस पार्टी ने उत्तर प्रदेश में संगठन को मजबूत करने के लिए जिलाध्यक्षों और महानगर अध्यक्षों की नई सूची जारी की है। इस बार पार्टी ने समाजवादी पार्टी के ‘पीडीए’ (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फार्मूले पर जोर देते हुए 65% पदाधिकारी इन्हीं समुदायों से चुने हैं।
लखनऊ: कांग्रेस पार्टी ने उत्तर प्रदेश में संगठन को मजबूत करने के लिए जिलाध्यक्षों और महानगर अध्यक्षों की नई सूची जारी की है। इस बार पार्टी ने समाजवादी पार्टी के ‘पीडीए’ (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फार्मूले पर जोर देते हुए 65% पदाधिकारी इन्हीं समुदायों से चुने हैं। कांग्रेस ने यूपी में अपनी राजनीतिक पकड़ को मजबूत करने के लिए पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) समुदाय पर दांव खेला हैं।
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव से पहले इस रणनीति को अपनाया था, जिससे उन्हें अच्छा लाभ मिला। अब कांग्रेस भी इसी राह पर चलते हुए 2027 के विधानसभा चुनावों से पहले अपनी जमीन मजबूत करने की कोशिश कर रही हैं।
133 पदाधिकारियों की नियुक्ति
कुल 133 जिला और महानगर अध्यक्षों की सूची में कांग्रेस ने सामाजिक संतुलन बनाने की कोशिश की है। इनमें:
ओबीसी: 48 पदाधिकारी
मुस्लिम: 32 पदाधिकारी
अनुसूचित जाति/जनजाति: 20 पदाधिकारी
जनरल कैटेगरी: 46 पदाधिकारी (जिनमें 26 ब्राह्मण शामिल)
नवनियुक्त नेताओं को शुभकामनाएं
कांग्रेस ने इन नियुक्तियों के बाद अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट कर नवनियुक्त पदाधिकारियों को बधाई दी। पार्टी ने लिखा, “कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अनुमति से नियुक्त किए गए उत्तर प्रदेश के सभी जिलाध्यक्षों/शहर अध्यक्षों को हार्दिक बधाई। हमें विश्वास है कि आप सभी अपनी पूरी निष्ठा, तत्परता और समर्पण से कांग्रेस पार्टी को मजबूत करेंगे।”
इससे कुछ दिन पहले भारतीय जनता पार्टी ने भी अपने जिलाध्यक्षों की नई सूची जारी की थी। अब कांग्रेस की इस नई घोषणा से यूपी की राजनीतिक सरगर्मी और बढ़ने की संभावना हैं।