Karnataka: कर्नाटक सरकार का बड़ा फैसला: मुस्लिम ठेकेदारों को 4% आरक्षण, केटीपीपी अधिनियम में संशोधन को मंजूरी

Karnataka: कर्नाटक सरकार का बड़ा फैसला: मुस्लिम ठेकेदारों को 4% आरक्षण, केटीपीपी अधिनियम में संशोधन को मंजूरी
अंतिम अपडेट: 4 घंटा पहले

कर्नाटक सरकार ने केटीपीपी अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दी, जिससे मुस्लिम ठेकेदारों को सरकारी निविदाओं में 4% आरक्षण मिलेगा। साथ ही, 90 लाख ग्रामीण संपत्तियों को शामिल करने का निर्णय लिया गया।

Karnataka: कर्नाटक सरकार ने सरकारी टेंडर में मुस्लिम ठेकेदारों को 4 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए कर्नाटक सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता (KTPP) अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दे दी है। इस फैसले के बाद राज्य में मुस्लिम ठेकेदारों को सरकारी परियोजनाओं में भाग लेने में प्राथमिकता मिलेगी।

कर्नाटक ग्राम स्वराज और पंचायत राज विधेयक को मिली हरी झंडी

मंत्रिमंडल ने कर्नाटक ग्राम स्वराज और पंचायत राज (संशोधन) विधेयक को भी मंजूरी दे दी है। इस विधेयक के तहत करीब 90 लाख ग्रामीण संपत्तियों को शामिल किया जाएगा, जिनके पास अब तक कोई आधिकारिक खाता नहीं था। इस कदम से ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति के दस्तावेजीकरण की प्रक्रिया को मजबूत करने में मदद मिलेगी।

हेब्बल में कृषि विभाग की जमीन आईएफएबी को दी जाएगी किराया-मुक्त

मंत्रिमंडल ने हेब्बल में कृषि विभाग की 4.24 एकड़ जमीन को दो साल के लिए किराया-मुक्त आधार पर अंतरराष्ट्रीय फूल नीलामी बैंगलोर (IFAB) के लिए देने के प्रस्ताव पर चर्चा की। यह फैसला फूल उत्पादकों और निर्यातकों को अधिक सुविधाएं देने के उद्देश्य से लिया गया है।

बैंगलोर बायोइनोवेशन सेंटर को 96.77 करोड़ की वित्तीय सहायता

जनवरी में बैंगलोर बायोइनोवेशन सेंटर में लगी आग के बाद हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने 96.77 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता को मंजूरी दी है। इस राशि से वहां के उपकरणों के पुनर्निर्माण और प्रतिस्थापन का कार्य किया जाएगा।

केपीएससी में सुधार के लिए विशेषज्ञ समिति गठित करने पर चर्चा

सरकार ने कर्नाटक लोक सेवा आयोग (KPSC) में सुधार के उपायों पर चर्चा की। इसके तहत एक विशेषज्ञ समिति गठित की जाएगी, जो आयोग में सुधार के लिए सुझाव देगी। इसके अलावा, केपीएससी सदस्यों की नियुक्ति के लिए एक खोज समिति गठित करने का भी निर्णय लिया गया।

सरकार के फैसले पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

सरकारी टेंडर में मुस्लिम ठेकेदारों को आरक्षण देने के फैसले को लेकर राजनीतिक हलकों में तीखी बहस छिड़ गई है। विपक्षी दलों ने इस फैसले पर सवाल उठाते हुए इसे तुष्टिकरण की राजनीति करार दिया, जबकि राज्य सरकार ने इसे सामाजिक न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम बताया।

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