Karnataka News: कोर्ट ने एक साथ 101 लोगों को सुनाई आजीवन कारावास की सजा, 10 साल पहले दलित बस्ती में आग लगाने का था मामला

Karnataka News: कोर्ट ने एक साथ 101 लोगों को सुनाई आजीवन कारावास की सजा, 10 साल पहले दलित बस्ती में आग लगाने का था मामला
Last Updated: 25 अक्टूबर 2024

यह घटना बेहद गंभीर है, जिसमें सामाजिक भेदभाव के कारण दलित समुदाय के लोगों के खिलाफ हिंसा की गई। नाई की दुकान और ढाबों में प्रवेश करने से मना करने पर शुरू हुई झड़प ने बड़ा रूप ले लिया, जिसके बाद आरोपियों ने दलित समुदाय के घरों में आग लगा दी। इस मामले में 117 लोगों को आरोपी बनाया गया था।

कर्नाटक: कोप्पल जिले की अदालत का यह फैसला एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण निर्णय के रूप में सामने आया है, जहां दलित समुदाय के घरों में आग लगाने के मामले में 101 लोगों को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। यह मामला राज्य के इतिहास में पहला है, जिसमें इतने बड़े पैमाने पर अत्याचार के आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा दी गई है। इस फैसले से समाज को एक मजबूत संदेश गया है कि जातीय भेदभाव और अत्याचार के मामलों में अब सख्ती से निपटा जाएगा।

10 साल पहले दलित बस्ती में आग लगाने का था मामला

यह घटना जाति आधारित हिंसा का एक दुखद और गंभीर मामला है, जो 28 अगस्त 2014 को कर्नाटक के गंगावती तालुका के मारकुंबी गांव में घटित हुआ था। दलित समुदाय के कुछ युवकों द्वारा गांव में प्रचलित छुआछूत की परंपरा पर सवाल उठाने के बाद, उच्च जाति के आरोपियों ने इन दलितों के खिलाफ हिंसक कार्रवाई की।

दलित समुदाय के लोगों को नाई की दुकान और ढाबों में प्रवेश करने से रोका जा रहा था, और इसी मुद्दे पर शुरू हुई झड़प ने हिंसा का रूप ले लिया। नाराज आरोपियों ने दलितों की बस्ती में घुसकर उनकी झोपड़ियों में आग लगा दी, उनके घरों को नष्ट कर दिया और उन पर हमला भी किया। इस घटना से राज्य में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए और कई संगठनों ने दलितों के समर्थन में आवाज उठाई।

मामले में कुल 117 लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिनमें से 16 आरोपियों की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो गई। बाकी बचे 101 आरोपियों को अदालत ने दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई हैं।

 

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