रान्या राव सोना तस्करी केस में प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कर्नाटक के गृह मंत्री से जुड़ी संस्थाओं पर छापेमारी की है। 12.56 करोड़ के सोने की बरामदगी के बाद मामला गंभीर होता जा रहा है।
Karnataka: कर्नाटक में एक और बड़ा राजनीतिक और फिल्मी घोटाला सामने आया है। कन्नड़ एक्ट्रेस रान्या राव के खिलाफ चल रही सोना तस्करी जांच अब सीधे कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर से जुड़े संस्थानों तक पहुंच गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गृहमंत्री से जुड़ी शैक्षणिक संस्थाओं पर छापेमारी की है।
सोना तस्करी से जुड़ी जांच की जड़ें गहरी
प्रवर्तन निदेशालय ने यह कार्रवाई उस मामले में की है जिसमें एक्ट्रेस रान्या राव पर दुबई से अवैध सोना भारत लाने और हवाला के जरिए पैसों का लेनदेन करने का आरोप है। राव को 3 मार्च को बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा एयरपोर्ट पर पकड़ा गया था। जांच के दौरान उनके पास से 14.2 किलो सोना जब्त किया गया, जिसकी कीमत 12.56 करोड़ रुपये बताई गई है।
गृहमंत्री से जुड़ी संस्थाओं पर छापा
ईडी की कार्रवाई का फोकस सिर्फ रान्या राव ही नहीं, बल्कि उनसे जुड़े लोगों और संस्थानों पर भी है। इसी कड़ी में सिद्धार्थ इंजीनियरिंग कॉलेज, सिद्धार्थ मेडिकल कॉलेज और सिद्धार्थ डिग्री कॉलेज जैसे संस्थानों पर छापेमारी हुई। ये सभी कॉलेज राज्य के गृह मंत्री जी परमेश्वर से जुड़े बताए जाते हैं। ईडी ने राज्यभर में 16 लोकेशन्स पर तलाशी अभियान चलाया।
हवाला ऑपरेटर भी जांच के घेरे में
जांच में यह बात सामने आई है कि कुछ हवाला ऑपरेटरों ने एक्ट्रेस रान्या राव के बैंक खातों में फर्जी तरीके से फंड ट्रांसफर किए थे। सूत्रों के मुताबिक, एक शैक्षणिक ट्रस्ट ने राव के क्रेडिट कार्ड बिल के भुगतान के लिए 40 लाख रुपये का ट्रांजैक्शन किया था, जो संदिग्ध है। ईडी अब इस बात की तह तक पहुंचने की कोशिश कर रही है कि यह भुगतान किसके कहने पर किया गया।
DRI और CBI पहले से कर रहे थे निगरानी
इस पूरे मामले की शुरुआत तब हुई जब DRI (राजस्व खुफिया निदेशालय) ने गुप्त सूचना के आधार पर रान्या राव को एयरपोर्ट पर रोका और जांच की। उनके पास से भारी मात्रा में सोना मिलने के बाद मामला और गंभीर हो गया। इसके बाद CBI ने भी केस में दिलचस्पी दिखाई और अब ईडी द्वारा PMLA (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत केस दर्ज किया गया।
कोर्ट से मिली डिफॉल्ट जमानत
रान्या राव और उनके साथी आरोपी तरुण कोंडारू राजू को बेंगलुरु की एक विशेष अदालत ने डिफॉल्ट बेल दे दी है। DRI की ओर से समय पर चार्जशीट दाखिल न करने की वजह से कोर्ट ने यह फैसला सुनाया। हालांकि, रान्या राव को अभी COFEPOSA एक्ट के तहत दर्ज केस के कारण जेल में ही रहना होगा। यह कानून आर्थिक अपराधों में निवारक कार्रवाई के लिए लागू किया जाता है।
COFEPOSA के तहत कार्रवाई
ED के अधिकारियों ने रान्या राव पर COFEPOSA (Foreign Exchange and Smuggling Activities Prevention Act) के तहत भी केस दर्ज किया है। यह कानून खास तौर पर विदेशी मुद्रा की तस्करी और गैरकानूनी वित्तीय लेनदेन पर शिकंजा कसने के लिए लागू होता है।