कर्नाटक विधानसभा में हंगामे के बीच सरकारी ठेकों में मुस्लिम ठेकेदारों को 4% आरक्षण और विधायकों-मंत्रियों की सैलरी दोगुनी करने वाला विधेयक पास, मुख्यमंत्री का वेतन अब 1.5 लाख रुपये महीना।
Karnataka Assembly: कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के भारी हंगामे के बीच अल्पसंख्यकों को सरकारी ठेकों में 4% आरक्षण देने वाला बिल पास हो गया। इसके साथ ही मंत्रियों और विधायकों के वेतन बढ़ोतरी से जुड़ा विधेयक भी पारित कर दिया गया। हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही दोपहर 1:30 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।
मुस्लिम कॉन्ट्रैक्टर्स को 4% आरक्षण का रास्ता साफ
कर्नाटक सरकार ने सरकारी टेंडरों में मुस्लिम ठेकेदारों को 4% आरक्षण देने का फैसला किया है। इस फैसले के तहत, अब अधिकतम 2 करोड़ रुपये तक के टेंडरों में मुस्लिम कॉन्ट्रैक्टर्स को आरक्षण का लाभ मिलेगा। इस कदम को कानूनी आधार देने के लिए कर्नाटक पब्लिक प्रोक्योरमेंट एक्ट, 1999 में संशोधन को विधानसभा में पेश किया गया और हंगामे के बीच पास कर दिया गया।
मंत्रियों और विधायकों की सैलरी में 100% बढ़ोतरी
विधानसभा में पारित दूसरे महत्वपूर्ण विधेयक के तहत, विधायकों और मंत्रियों की सैलरी में भारी बढ़ोतरी की गई है। "कर्नाटक विधानमंडल वेतन, पेंशन और भत्ते (संशोधन) विधेयक, 2025" के मसौदे के अनुसार, विधायकों और विधान परिषद के सदस्यों (MLA और MLC) का वेतन दोगुना कर दिया गया है।
अब मुख्यमंत्री का वेतन 75,000 रुपये से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये प्रति माह कर दिया गया है। यह निर्णय विधायकों द्वारा वेतन वृद्धि की मांग और वित्तीय कठिनाइयों के हवाले से किए गए दबाव के बाद लिया गया है।
मंत्रियों और विधायकों को कितना फायदा?
मुख्यमंत्री का वेतन: ₹75,000 → ₹1,50,000 प्रति माह
मंत्रियों का वेतन: ₹60,000 → ₹1,25,000 प्रति माह
मंत्रियों के भत्ते: ₹4.5 लाख → ₹5 लाख प्रति माह