आज केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही भक्तों की भारी भीड़ बाबा के दर्शन के लिए उमड़ी। इस अवसर पर चल विग्रह डोली को उखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर ले जाया जाएगा, जहां बाबा के दर्शन अब अगले 6 महीने तक किए जा सकेंगे।
रुद्रप्रयाग: आज केदारनाथ धाम के कपाट भैया दूज के पावन पर्व पर सुबह 8:30 बजे विधिपूर्वक बंद कर दिए गए। इस अवसर पर सुबह 4 बजे से पूजा-अर्चना का क्रम प्रारंभ हुआ, जिसमें वैदिक मंत्रों के उच्चारण और धार्मिक परंपराओं का पालन किया गया। कपाट बंद होने के इस विशेष आयोजन में 15,000 से अधिक श्रद्धालु शामिल हुए। इस दौरान मंदिर को सुंदर फूलों से सजाया गया था, जो भक्तों के लिए एक भव्य दृश्य प्रस्तुत कर रहा था।
बंद होने के समय, श्रद्धालु "ऊं नमः शिवाय" और "जय बाबा केदार" के जयकारों के साथ भगवान के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त कर रहे थे, जबकि भारतीय सेना के बैंड ने भक्तिमय धुनें बजाकर माहौल को और भी भक्तिमय बना दिया। अब अगले 6 महीनों तक श्रद्धालु केदारनाथ के दर्शन उखीमठ में कर सकेंगे।
6 महीने के लिए बंद हुए मंदिर के कपाट
आज प्रातः पांच बजे केदारनाथ धाम में कपाट बंद करने की प्रक्रिया का शुभारंभ बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय की उपस्थिति में हुआ। इस दौरान बीकेटीसी के आचार्य, वेदपाठियों और पुजारियों ने भगवान केदारनाथ के स्वयंभू शिवलिंग की विधिवत समाधि पूजा की। इस पूजा में शिवलिंग को भस्म, स्थानीय पुष्पों और बेल पत्रों से सजाया गया। सुबह 8:30 बजे बाबा केदार की पंचमुखी उत्सव डोली को मंदिर से बाहर लाया गया। इसके बाद केदारनाथ मंदिर के कपाट विधिपूर्वक बंद कर दिए गए।
कपाट बंद होते ही बाबा केदार की पंचमुखी उत्सव डोली ने अपने पहले पड़ाव रामपुर के लिए प्रस्थान किया। इस अवसर पर हजारों श्रद्धालु बाबा की डोली के साथ पैदल चलने के लिए निकले। श्रद्धालुओं के लिए भंडारे भी आयोजित किए गए थे, जिससे उनकी सेवा की जा सके। आज केदारनाथ में मौसम साफ रहा, हालांकि आस-पास बर्फबारी के कारण ठंडी हवाएं भी चल रही थीं। इसके बावजूद श्रद्धालुओं में उत्साह की कमी नहीं थी।
आखरी दिन लाखों श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
कपाट बंद होने के अवसर पर बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि इस वर्ष के यात्राकाल में रिकॉर्ड 16.5 लाख से अधिक तीर्थ यात्री श्री केदारनाथ धाम पहुंचे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन का जिक्र करते हुए कहा कि इसके तहत केदारपुरी का भव्य और दिव्य पुनर्निर्माण हो रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन में केदारनाथ धाम यात्रा का सफल संचालन हुआ। अजेंद्र अजय ने यात्रा के सफल संचालन में योगदान देने वाले सभी कार्मिकों, पुलिस-प्रशासन, यात्रा व्यवस्था से जुड़े विभिन्न विभागों, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, और आईटीबीपी का आभार व्यक्त किया।
बाबा केदार की पंचमुखी डोली आज 3 नवंबर को रामपुर में रात्रि प्रवास करेगी। इसके बाद, 4 नवंबर को यह श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी में रात बिताएगी और 5 नवंबर को शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी। इस दौरान, शीतकाल में बाबा केदार की पूजा ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में ही संपादित की जाएगी।
कब-कब बंद होते है चार धाम के कपाट?
केदारनाथ धाम के कपाट आज सुबह साढ़े आठ बजे सभा मंडप के साथ बंद कर दिए गए। इस अवसर पर हजारों श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन के लिए पहुंचे। पूरे मंदिर परिसर को 10 क्विंटल फूलों से सजाया गया था, जिससे वातावरण में एक भव्यता छा गई। आज केदारनाथ की पंचमुखी मूर्ति को चल विग्रह डोली के जरिए उखीमठ के लिए रवाना किया जाएगा। डोली गौरीकुंड से सोनप्रयाग होते हुए रात को रामपुर में विश्राम करेगी। इसके बाद, 5 नवंबर से श्रद्धालु उखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में केदारनाथ के दर्शन कर सकेंगे। इस साल अब तक केदारनाथ में 16 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं, और पिछले 6 दिनों में ही लगभग 1 लाख श्रद्धालु पहुंचे हैं। कपाट बंद होने के अवसर पर श्रद्धालुओं में उत्साह देखने को मिला।
इससे पहले कल गंगोत्री धाम के कपाट भी बंद हो चुके हैं। उत्तरकाशी ज़िले में स्थित गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है, और यहीं से आगे गोमुख है, जो गंगा का उदगम स्थल है। केदारनाथ के कपाट बंद होने के साथ-साथ आज यमुनोत्री के कपाट भी बंद किए जाएंगे, और अंत में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।