किसान आंदोलन में अब एक नया मोड़ आ गया है। किसानों ने शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच करने का ऐलान किया है। इस कड़ी में, हरियाणा सरकार ने 14 से 17 दिसंबर तक अंबाला जिले में मोबाइल इंटरनेट, एसएमएस और डोंगल सेवाओं को अस्थायी रूप से बंद करने का आदेश दिया है। सरकार का मानना है कि किसानों के इस कदम के कारण गलत सूचना का प्रसार हो सकता है, जिससे कानून-व्यवस्था में दखल हो सकता है।
किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की मांग को लेकर लंबे समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इन प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उनकी आवाज़ को अनसुना किया जा रहा है और सरकार इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है। किसानों का आरोप है कि सरकार कृषि कानूनों को लेकर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है।
इस बीच, किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंढेर ने घोषणा की कि 101 किसानों का एक जत्था शंभू सीमा से दिल्ली के लिए रवाना होगा। उन्होंने यह भी बताया कि आंदोलन का 307वां दिन जारी है और यह तब तक जारी रहेगा जब तक किसानों की मांगें पूरी नहीं हो जातीं। पंढेर ने कहा कि यह आंदोलन न केवल पंजाब और हरियाणा, बल्कि देशभर के किसानों का आंदोलन बन चुका है।
किसानों के इस आह्वान के बाद हरियाणा पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ा दी है। अंबाला जिले के कुछ खास गांवों में इंटरनेट सेवाओं के निलंबन के अलावा, पुलिस ने सख्त सुरक्षा इंतजाम किए हैं।
किसान आंदोलन में अब तक पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान बड़ी संख्या में शामिल हो चुके हैं। दिल्ली की सीमाओं पर किसान अपने विरोध का अड्डा बना चुके हैं, जहां वे कड़ी ठंड और खराब मौसम के बावजूद डेरा डाले हुए हैं। उनकी मुख्य मांग है कि केंद्र और राज्य सरकारें फसलों के लिए एमएसपी सुनिश्चित करें और किसानों के लाभ के लिए ठोस कदम उठाए।
इस बीच, सरकार और किसान नेताओं के बीच बातचीत की उम्मीदें अभी भी जीवित हैं, लेकिन यह संघर्ष अभी तक सुलझता हुआ नहीं दिखता। किसान सरकार पर दबाव डालने के लिए आगामी दिनों में और भी तीव्र विरोध प्रदर्शन की योजना बना रहे हैं।