भारतीय जनता पार्टी की सांसद कंगना रनौत ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'अवतार' करार दिया और कहा कि उनके नेतृत्व में देश को असली आज़ादी मिली है।
Kangana Ranaut on PM Modi: मंडी संसदीय सीट से सांसद और बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने एक बार फिर अपने तीखे और बेबाक बयान से सियासी हलचल मचा दी है। इस बार उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को "अवतार" बताते हुए कहा है कि देश को असली आज़ादी 2014 के बाद ही मिली, जब मोदी जी ने सत्ता संभाली। सोमवार को जोगेंद्रनगर, लडभड़ोल, और बीड़ रोड क्षेत्रों में आयोजित जनसभाओं में कंगना ने कहा, नरेंद्र मोदी जी कोई साधारण नेता नहीं हैं, वे एक अवतार की तरह हैं, जिनका आगमन देश को कांग्रेस के भ्रष्ट राज और गुंडाराज से मुक्ति दिलाने के लिए हुआ।
अनुच्छेद-370, तीन तलाक और वक्फ कानून – कांग्रेस की लूट की कहानियाँ थीं
कंगना ने कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि दशकों तक देश को लूटा गया। उन्होंने कहा, अनुच्छेद-370 के नाम पर सिर्फ लूट मची रही। तीन तलाक ने मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों को कुचल दिया। लेकिन मोदी सरकार ने इन काले अध्यायों को खत्म कर नया भारत गढ़ा है।
वक्फ कानून संशोधन को बताया ऐतिहासिक कदम
सांसद कंगना ने हाल ही में वक्फ बोर्ड कानून में हुए संशोधन को 'ऐतिहासिक निर्णय' करार दिया और कहा कि इससे भारत में एक समान नागरिकता और मालिकाना अधिकार का मार्ग प्रशस्त हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष इस बदलाव का विरोध सिर्फ अपनी तुष्टिकरण की राजनीति के चलते कर रहा है।
कांग्रेस पर सीधा हमला
पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह और मंत्री विक्रमादित्य सिंह को आड़े हाथों लेते हुए कंगना ने कहा कि दोनों नेता झूठे आरोप लगाकर उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। अब वक्त आ गया है कि उन्हें उन्हीं की भाषा में जवाब दिया जाए। जनता विकास चाहती है, न कि पुरानी राजनीति की गुटबाज़ी, उन्होंने कहा।
राजनीति में आई क्योंकि मोदी जी पर विश्वास था
कंगना ने खुलासा किया कि वे पहले मतदान में हिस्सा नहीं लेती थीं, लेकिन नरेंद्र मोदी के कार्यों से प्रभावित होकर उन्होंने राजनीति में कदम रखा। मेरे लिए असली आज़ादी तब आई जब मोदी जी सत्ता में आए। आज देश का हर कोना विकास की ओर बढ़ रहा है," उन्होंने कहा। उन्होंने यह भी कहा कि मंडी संसदीय क्षेत्र में 17 विधानसभा क्षेत्र हैं, जबकि कुछ राज्यों में केवल 4-5 ही होते हैं। ऐसे में बजट का वितरण क्षेत्रीय जरूरतों के अनुसार होना चाहिए, न कि एक जैसे मापदंडों पर। वह इस मुद्दे को संसद में उठाने का वादा भी कर गईं।