महाकुंभ में भगदड़ के बाद प्रयागराज जंक्शन पर रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती बढ़ाई गई। श्रद्धालुओं को कड़ी सुरक्षा में संगम भेजा जा रहा है, गेट 3-4 से एंट्री और गेट 6 से निकासी हो रही है।
Maha-kumbh Stampede: महाकुंभ में भगदड़ की घटना के बाद प्रशासन पूरी तरह से सतर्क हो गया है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रयागराज जंक्शन पर रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) और भारी पुलिस बल की तैनाती बढ़ा दी गई है। रेलवे स्टेशन और कुंभ क्षेत्र में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बलों की निगरानी रखी जा रही है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
श्रद्धालुओं की आवाजाही के लिए विशेष व्यवस्था
मौनी अमावस्या स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रयागराज जंक्शन पर विशेष व्यवस्था की है। श्रद्धालुओं को गेट नंबर 3 और 4 से प्रवेश दिया जा रहा है, जबकि गेट नंबर 6 से संगम स्नान के लिए निकासी कराई जा रही है। रेलवे स्टेशन के बाहर भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु इकट्ठा हो गए हैं, जिन्हें नियंत्रित करने के लिए पुलिसकर्मी लगातार माइक से निर्देश दे रहे हैं।
भगदड़ के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था बरकरार
हाल ही में हुई भगदड़ की घटना के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था में कोई कमी नहीं आई है। वे संगम में पुण्य की डुबकी लगाने के लिए लगातार आगे बढ़ रहे हैं। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे धैर्य बनाए रखें और भगदड़ जैसी स्थिति से बचने के लिए प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
सुरक्षा को लेकर प्रशासन सतर्क
रेलवे स्टेशन और कुंभ क्षेत्र में अलग-अलग गेटों पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की तैनाती की गई है। किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए RAF, पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को तैनात किया गया है। सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
श्रद्धालुओं से सतर्क रहने की अपील
प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए लगातार माइक से घोषणाएं कराई जा रही हैं। लोगों को गाइडलाइन का पालन करने की सलाह दी जा रही है। खासकर रेलवे स्टेशन और संगम क्षेत्र में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विशेष निर्देश दिए जा रहे हैं।
प्रयागराज महाकुंभ में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं, ताकि श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के संगम स्नान कर सकें।