24 और 25 फरवरी को तीन नए विश्व रिकॉर्ड बनने की संभावना है। इन रिकॉर्ड्स को बनाने के लिए पहले 14 से 17 फरवरी तक का समय तय किया गया था, लेकिन उस दौरान भारी भीड़ के कारण तारीखों को बढ़ा दिया गया।
प्रयागराज: महाकुंभ में 24 और 25 फरवरी 2025 को तीन विश्व रिकॉर्ड बनने जा रहे हैं। 24 फरवरी को 15 हजार स्वच्छता कर्मी लगभग 10 किमी तक सफाई अभियान चलाकर एक नया कीर्तिमान बनाएंगे। अगले दिन 25 फरवरी को 10 हजार लोग हैंड प्रिंटिंग करेंगे और उसी दिन 550 शटल बसों के संचालन का भी रिकॉर्ड बनेगा।
इसके अलावा, पहले ई-रिक्शा के संचालन का रिकॉर्ड बनने की योजना थी, लेकिन अब शटल बसों के संचालन का नया रिकॉर्ड बनाया जाएगा। ये सभी रिकॉर्ड पहले 14 से 17 फरवरी तक बनाने की योजना थी, लेकिन भारी भीड़ के कारण तारीखों को बढ़ा दिया गया। 14 फरवरी को 300 सफाई कर्मियों द्वारा नदी सफाई अभियान का पहला रिकॉर्ड पहले ही बन चुका हैं।
कल आएगी गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम
महाकुंभ में 24 और 25 फरवरी को बनने वाले तीन रिकॉर्ड्स के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम 22 फरवरी को पहुंचने वाली है। इन रिकॉर्ड्स का सत्यापन इसी टीम के सामने होगा। प्रयागराज मेला विकास प्राधिकरण ने इस महत्वपूर्ण आयोजन की तैयारियां पूरी कर ली हैं। गौरतलब है कि वर्ष 2019 के कुंभ में भी तीन विश्व रिकॉर्ड बने थे।
13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में अब तक 58 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके हैं, जो अपने आप में एक विशाल रिकॉर्ड है। महाकुंभ को अब विश्व की अमूर्त धरोहर घोषित किया जा चुका है, और यह अब दुनिया का सबसे बड़ा जन समागम बन चुका है। किसी भी आयोजन में इतने अधिक श्रद्धालु एक साथ नहीं जुटे हैं। इसके अलावा, महाकुंभ में चार और विश्व रिकॉर्ड बनने की संभावना है, जो इसे और भी ऐतिहासिक बना देंगे।
महाकुंभ में बनेंगे कई रिकॉर्ड
महाकुंभ मेला के परेड मैदान स्थित त्रिवेणी मार्ग पर 1000 ई-रिक्शा के संचालन के बजाय 550 शटल बसों का संचालन किया जाएगा, ताकि रिकॉर्ड बनाया जा सके। दरअसल, भीड़ के कारण ई-रिक्शा का संचालन संभव नहीं हो सका, और शटल बसों का संचालन हाईवे पर किया जाएगा। महाकुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद के अनुसार, 25 फरवरी को 10,000 लोगों के हाथों के छाप (हैंड प्रिंट) लेकर एक और रिकॉर्ड बनाया जाएगा।
महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी से हुई थी, और अब तक 58 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके हैं। 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के अवसर पर अंतिम स्नान पर्व होगा, जब श्रद्धालुओं की संख्या 60 करोड़ से भी अधिक हो सकती है। सरकार ने 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान जताया था।