Mahakumbh 2025: महाकुंभ में यूपी सरकार को हुआ बड़ा आर्थिक लाभ, मंत्री अनिल राजभर ने किए खुलासे

Mahakumbh 2025: महाकुंभ में यूपी सरकार को हुआ बड़ा आर्थिक लाभ, मंत्री अनिल राजभर ने किए खुलासे
अंतिम अपडेट: 14 घंटा पहले

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित 45 दिवसीय महाकुंभ 2025 ने न सिर्फ आध्यात्मिक बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाए हैं। योगी सरकार ने इस आयोजन में लगभग 7,500 करोड़ रुपये खर्च किए।

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित 45 दिवसीय महाकुंभ 2025 ने न सिर्फ आध्यात्मिक बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाए हैं। योगी सरकार ने इस आयोजन में लगभग 7,500 करोड़ रुपये खर्च किए, लेकिन इसके बदले में 3.5 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक लाभ होने का दावा किया जा रहा है। श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर ने इस बात का खुलासा करते हुए कहा कि कुंभ के जरिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 60 लाख लोगों को रोजगार भी मिला हैं।

महाकुंभ से यूपी सरकार को मिला तगड़ा मुनाफा

13 जनवरी से 26 फरवरी तक चले इस भव्य आयोजन में 65 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई। अनिल राजभर के अनुसार, धार्मिक पर्यटन और स्थानीय व्यवसायों के विस्तार से राज्य की अर्थव्यवस्था को जबरदस्त बढ़ावा मिला। उन्होंने कहा, "कुंभ मेला केवल आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि आर्थिक समृद्धि का भी बड़ा जरिया बन चुका हैं।"

महाकुंभ पर खर्च को लेकर उठ रहे सवालों पर जवाब देते हुए राजभर ने कहा कि विपक्ष सनातन संस्कृति के बढ़ते वैभव को सहन नहीं कर पा रहा है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, "जो लोग चुनावी हिंदू हैं, वे कुंभ तक नहीं जा पाए, और जो गए भी, उन्होंने अंधेरे में डुबकी लगाई। ऐसे लोगों से सनातन धर्म की समृद्धि को समझने की उम्मीद करना बेकार हैं।"

पीडीए फार्मूले पर सीधा निशाना

राजभर ने विपक्ष के पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फार्मूले पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि योगी सरकार में पिछड़ों और दलितों को असल में सम्मान मिला है, जबकि विपक्ष सिर्फ नाम के लिए राजनीति कर रहा है। उन्होंने दावा किया कि 2012-2017 और वर्तमान सरकार के कार्यकाल के बीच के अंतर को देख लिया जाए, तो स्पष्ट हो जाएगा कि कौन वास्तव में सामाजिक न्याय की बात करताहैं।

* धार्मिक पर्यटन में वृद्धि: कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं ने स्थानीय व्यवसायों को नई ऊंचाइयां दीं। होटल, परिवहन, हस्तशिल्प और खान-पान उद्योगों में भारी मुनाफा हुआ।
* रोजगार के नए अवसर: अस्थायी रोजगार के रूप में लाखों युवाओं को काम मिला, जिससे बेरोजगारी दर में कमी आई।
* इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार: कुंभ के लिए बनाए गए नए हाईवे, पुल और अन्य सुविधाएं भविष्य में भी प्रयागराज के विकास को गति देंगी।

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