मुंबई में आयोजित सहकारी बैंक कार्यक्रम में शरद पवार और अजित पवार एक मंच पर नजर आए। इस दौरान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अन्य प्रमुख नेता भी उपस्थित थे।
Mumbai News: 12 मई को मुंबई में आयोजित महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक के कार्यक्रम में एक चौंकाने वाली घटना घटी जब शरद पवार और अजित पवार एक मंच पर दिखाई दिए। दोनों नेता एक-दूसरे के बगल में बैठे थे, और इस दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी कार्यक्रम में उपस्थित थे। यह घटना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि दोनों पवार के बीच राजनीतिक रिश्तों में उतार-चढ़ाव देखने को मिला था, और अब फिर से एक साथ मंच पर आना कई सवाल खड़े कर रहा है।
महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा मोड़
एनसीपी के दोनों प्रमुख, शरद पवार और अजित पवार, पिछले कुछ समय से राजनीति में अलग-अलग दिशा में चल रहे थे। अजित पवार ने जुलाई 2023 में अपनी पार्टी एनसीपी में बगावत की थी और बीजेपी-शिवसेना गठबंधन में शामिल हो गए थे, जबकि शरद पवार इंडिया गठबंधन का हिस्सा बने थे। हालांकि, हाल के समय में इस बारे में कई चर्चाएं चल रही थीं कि क्या दोनों पवार फिर से एक साथ आ सकते हैं, और अब यह कार्यक्रम उनका एकजुट होने की संभावनाओं पर विचार करने का कारण बन रहा है।
शरद पवार का बयान: "अगर दोनों गुट एक साथ आए तो हैरानी नहीं होगी"
शरद पवार से जब इस बारे में सवाल पूछा गया था कि क्या वे फिर से अजित पवार के साथ काम करेंगे, तो उन्होंने कहा था कि अगर दोनों एनसीपी गुट एक साथ आ जाएं तो इसमें कोई हैरानी की बात नहीं होगी। उनका कहना था कि यह फैसला अगली पीढ़ी के नेताओं, जैसे सुप्रिया सुले और अजित पवार, को मिलकर करना चाहिए।
शरद पवार ने यह भी कहा कि उनके गुट का एक हिस्सा अजित पवार के साथ मिलकर काम करना चाहता है, और यह निर्णय आने वाले समय में लिया जाएगा।
क्या होगा एनसीपी का भविष्य?
महाराष्ट्र की राजनीति में यह घटना एक अहम मोड़ हो सकती है। अजित पवार और शरद पवार के बीच रिश्तों में उतार-चढ़ाव के बाद उनके एक मंच पर आने से राजनीतिक गलियारों में अटकलें तेज हो गई हैं। क्या यह एक संकेत है कि एनसीपी फिर से एकजुट हो सकती है, या फिर यह सिर्फ एक अवसर था, यह देखना होगा। 2023 में जब अजित पवार ने बगावत की थी, तब उनके कदम ने महाराष्ट्र में सियासी हलचल मचाई थी। अब जब दोनों पवार एक साथ मंच पर नजर आए, तो यह राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकता है।