महाराष्ट्र में इस बार विधानसभा चुनाव बेहद दिलचस्प होने की संभावना है, क्योंकि राज्य की राजनीतिक स्थिति में बड़े बदलाव हुए हैं। लगभग 25 महीने पहले महाविकास अघाड़ी सरकार का पतन हुआ था, जिसके बाद भाजपा समर्थित सरकार सत्ता में आई। इस बीच, शिवसेना और एनसीपी दोनों पार्टियों में विभाजन हो गया, जिससे राज्य की राजनीति में नया मोड़ आ गया हैं।
मुंबई: अजित पवार की एनसीपी ने 20 नवंबर को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पहली सूची में 38 उम्मीदवारों की घोषणा की है। इस सूची में उप मुख्यमंत्री अजित पवार बारामती से चुनाव लड़ेंगे, जबकि छगन भुजबल येवला से और दिलीप वाल्से पाटिल अंबेगांव से चुनावी मैदान में होंगे। इससे पहले, एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने भी 45 उम्मीदवारों की अपनी सूची जारी की थी।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे फिर से कोपरी पाचपाखाड़ी से अपनी जीत का सिलसिला जारी रखने के लिए चुनाव लड़ेंगे, जबकि पार्टी ने पैठण से विलास संदिपान भूमरे को मैदान में उतारा है। इस तरह दोनों दलों ने अपने प्रमुख नेताओं को चुनाव में उतारकर मुकाबले को और रोचक बना दिया हैं।
महाराष्ट्र का सियासी समीकरण
महाराष्ट्र में इस बार का विधानसभा चुनाव बेहद दिलचस्प रहने की संभावना है, क्योंकि राजनीतिक परिदृश्य में बड़े बदलाव हुए हैं। जून 2022 में महाविकास अघाड़ी (MVA) सरकार के पतन के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समर्थित एनडीए सरकार बनी, जिसमें शिवसेना और एनसीपी के विभाजन के बाद पहली बार राज्य में चुनाव हो रहे हैं। 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में फिलहाल एनडीए सरकार को 202 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। भाजपा 102 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है, जबकि अजीत पवार की एनसीपी के पास 40 विधायक हैं।
शिवसेना के शिंदे गुट के पास 18 विधायक हैं, और 14 निर्दलीय विधायकों ने भी एनडीए को समर्थन दिया है। इसके अलावा, पांच छोटे दल भी एनडीए का समर्थन कर रहे हैं। शिवसेना और एनसीपी के विभाजन के बाद, यह चुनाव न केवल भाजपा और महाविकास अघाड़ी के बीच होगा, बल्कि एनसीपी और शिवसेना के विभिन्न धड़ों के बीच भी शक्ति परीक्षण होगा, जिससे मुकाबला और रोमांचक हो जाएगा।
महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्षी खेमे, यानी महाविकास अघाड़ी (MVA), के पास कुल 71 विधायक हैं। कांग्रेस 37 विधायकों के साथ विपक्ष में सबसे बड़ी पार्टी है। इसके अलावा, उद्धव ठाकरे की शिवसेना के पास 16 विधायक हैं, जबकि शरद पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP-SP) के 12 विधायक हैं। समाजवादी पार्टी के दो, सीपीआईएम और पीडब्लूपीआई के एक-एक विधायक हैं। इसके अलावा, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के भी दो विधायक विपक्षी खेमे का हिस्सा हैं। वर्तमान में विधानसभा की 15 सीटें खाली हैं, जिससे चुनावी गणित और भी दिलचस्प हो गया हैं।