दिल्ली पुलिस ने 'बाबा किस्मतवाले' टेलीग्राम चैनल चलाने वाले साइबर गिरोह का भंडाफोड़ किया। मुख्य आरोपी निवास कुमार मंडल देशभर के ठगों को लोगों का निजी डेटा बेचता था। पुलिस ने आरोपी को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया है।
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने एक बड़े साइबर फ्रॉड गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो ‘बाबा किस्मतवाले’ नाम से टेलीग्राम चैनल चलाकर देशभर के ठगों को आम लोगों का निजी डेटा बेचता था। इस गिरोह के सरगना निवास कुमार मंडल को पुलिस ने पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया है। आरोपी साइबर सुरक्षा में प्रशिक्षित बीटेक पास युवक है, जो पेशेवर ठगों को डेटा बेचकर मोटी रकम कमा रहा था।
टेलीग्राम चैनल से फैला साइबर फ्रॉड नेटवर्क
दिल्ली पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी निवास मंडल ने 2024 में ‘बाबा किस्मतवाले’ नाम का टेलीग्राम चैनल बनाया था। इस चैनल के जरिए वह बैंक ग्राहकों, बिजली विभाग और सरकारी संस्थानों के कर्मचारियों का संवेदनशील डेटा ठगों को बेचता था।
डेटा खरीदने वाले ठग इन जानकारियों का इस्तेमाल कर लोगों को फोन और मैसेज भेजते थे। उन्हें सरकारी योजनाओं, बिल भुगतान या कैशबैक ऑफर के नाम पर झांसा देकर फर्जी ऐप डाउनलोड करवाया जाता था। इसी चैनल के जरिए देशभर के साइबर ठगों को डेटा का नेटवर्क मिल जाता था।
दिल्ली जल बोर्ड के नाम पर लोगों से ठगी
पुलिस के मुताबिक, गिरोह दिल्ली जल बोर्ड V4.apk नाम का फर्जी मोबाइल ऐप डाउनलोड करवाकर लोगों के बैंक खाते खाली करता था। आरोपी पीड़ितों को मैसेज भेजते थे कि जल बोर्ड का नया ऐप डाउनलोड करें और बिल भुगतान करें। जैसे ही लोग ऐप डाउनलोड करते, उनका बैंकिंग डेटा हैक हो जाता था।
इसी तरीके से दिल्ली के एक व्यक्ति से 2 लाख रुपये की ठगी की गई। पुलिस ने जब साइबर ट्रांजेक्शन की जांच की तो उसका लिंक जामताड़ा और पश्चिम बंगाल तक मिला। यही से गिरोह के सदस्य फर्जी कॉल कर लोगों को झांसे में लेते थे।
पुलिस ने जब्त किए मोबाइल, लैपटॉप और एटीएम कार्ड
पुलिस ने निवास मंडल के पास से 9 मोबाइल फोन, एक मैकबुक, एक आईपैड, 5 एटीएम कार्ड, 3 चेकबुक और ₹47,800 नकद बरामद किए हैं। साथ ही, गिरोह के ठगी के पैसों को ट्रांसफर करने के लिए इस्तेमाल किए गए हिंदुस्तान पेट्रोलियम ड्राइव ट्रेक प्लस कार्ड भी मिले हैं।
निवास मंडल साइबर सिक्योरिटी में डिप्लोमा कर चुका है और पहले भी चार साइबर अपराधों में शामिल रह चुका है। पुलिस ने उसके सहयोगी झारखंड निवासी प्रद्युम्न मंडल को भी गिरफ्तार किया है, जबकि गिरोह में शामिल एक नाबालिग को हिरासत में लिया गया है।
पुलिस की आगे की जांच करवाई
दिल्ली पुलिस का कहना है कि यह गैंग साइबर अपराधों का एक संगठित नेटवर्क चला रहा था, जिसकी शाखाएं झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और दिल्ली तक फैली हुई हैं। आरोपी चोरी किए गए डेटा को ऑनलाइन मार्केट में बेचकर ठगों को पहुंचाता था।
फिलहाल पुलिस गिरोह के बाकी सदस्यों की तलाश में छापेमारी कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि इस नेटवर्क को जड़ से खत्म करने के लिए डिजिटल फॉरेंसिक जांच शुरू कर दी गई है। इस कार्रवाई को दिल्ली पुलिस की साइबर सेल की हालिया सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक माना जा रहा है।
 
                                                                        
                                                                             
                                                











