अलवर के खेड़ली बहादुर गांव में मेले के दौरान मोमोज खाने को लेकर हुए विवाद में युवक की हत्या हो गई। मेव समाज ने इसे मॉब लिंचिंग करार देते हुए आरोपियों पर सख्त कार्रवाई और न्याय की मांग की है।
अलवर: राजस्थान के अलवर जिले में एक मामूली विवाद ने बड़ी त्रासदी का रूप ले लिया। खेड़ली बहादुर गांव के मेले में मोमोज खाने के दौरान दो गुटों में झगड़ा इतना बढ़ गया कि एक युवक की मौत हो गई। घटना के बाद मेव समाज आक्रोशित हो गया और अस्पताल के बाहर धरना प्रदर्शन कर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। फिलहाल पुलिस ने तीन आरोपियों को हिरासत में लेकर जांच शुरू कर दी है।
मोमोज विवाद में युवक की हत्या
अलवर के गोविंदगढ़ थाना क्षेत्र के खेड़ली बहादुर गांव में चल रहे मेले में गुरुवार रात युवाओं के बीच झगड़ा हो गया। बताया जा रहा है कि मेले में मोमोज खाने के दौरान आपसी कहासुनी इतनी बढ़ गई कि दो गुटों में हाथापाई शुरू हो गई। इसी बीच बशीर नाम के युवक के साथ मारपीट करने पर उसके दोस्त वकार ने बीच-बचाव की कोशिश की।
मगर झगड़ा रोकने के बजाय स्थिति और बिगड़ गई। आरोप है कि हमलावरों ने वकार के सीने में बर्फ तोड़ने वाले सूए से वार कर दिया। गंभीर रूप से घायल वकार को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद मेले में अफरा-तफरी मच गई और आरोपी मौके से फरार हो गए।
पुलिस ने तीन आरोपी गिरफ्तार किए

घटना की जानकारी मिलते ही गोविंदगढ़ थाना पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा और इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी। फिलहाल तीन संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अन्य आरोपियों की भी पहचान कर ली गई है और जल्द गिरफ्तारी की जाएगी। वहीं, मृतक वकार के परिवार ने आरोप लगाया कि घटना सुनियोजित थी और इसे सामुदायिक द्वेष से अंजाम दिया गया।
मौत पर मेव समाज का प्रदर्शन
वकार की मौत के बाद शुक्रवार सुबह मेव समाज के सैकड़ों लोग अस्पताल परिसर में एकत्र हो गए। परिजनों ने शव लेने से इंकार करते हुए आरोपियों पर बुलडोजर कार्रवाई की मांग की। मेव समाज के नेताओं का कहना है कि वकार की हत्या सिर्फ व्यक्तिगत विवाद नहीं, बल्कि सामुदायिक हिंसा का नतीजा है।
मेव पंचायत के सदर शेर मोहम्मद ने कहा, “यह पहली बार नहीं है। इस इलाके में पहले भी कई बार मेव समाज के लोगों पर हमले हो चुके हैं। इस बार अगर सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।”
 
                                                                        
                                                                             
                                                











