शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे के बैग की जांच को लेकर उठे सवालों के एक दिन बाद, निर्वाचन आयोग के सूत्रों ने कहा कि मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के तहत नेताओं के हेलीकॉप्टर की जांच की जाती है, जैसा कि पिछले चुनावों में हुआ था।
Maharashtra: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बीच, चुनाव आयोग ने उच्चस्तरीय नेताओं के बैग की नियमित जांच जारी रखी है। इस कड़ी में, मंगलवार को सीएम एकनाथ शिंदे, केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के बैग की भी जांच की गई। यह जांच चुनाव आयोग के द्वारा की जा रही है ताकि चुनाव में निष्पक्षता बनी रहे।
बैग से क्या निकला?
सीएम शिंदे के बैग से पानी की बोतल, नींबू पानी, दूध-छाछ और कपड़े मिले, जबकि अजीत पवार के बैग में नमकीन, बिस्कुट, लड्डू और कपड़े थे। रामदास अठावले के बैग में कुछ भी नहीं मिला। चुनाव अधिकारियों के मुताबिक, यह एक नियमित प्रक्रिया थी जो नेताओं और उनके सहायक स्टाफ के सामान की जांच के लिए की जाती है।
अजीत पवार ने दी प्रतिक्रिया
अजीत पवार ने अपने आधिकारिक एक्स (ट्विटर) हैंडल पर इस जांच के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने उनके बैग और हेलीकॉप्टर की नियमित जांच की और उन्होंने इसमें पूरा सहयोग किया। पवार ने कहा कि यह कदम स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है और उन्होंने सभी से कानून का सम्मान करने की अपील की।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का विरोध
इस बीच, शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग द्वारा उनकी और अन्य नेताओं की बैग जांच पर सवाल उठाए। उन्होंने लातूर में अपने चुनाव प्रचार के दौरान चुनाव अधिकारियों द्वारा बैग की जांच किए जाने के बारे में एक वीडियो पोस्ट किया। वीडियो में उद्धव ठाकरे अधिकारियों से उनके नाम और पोस्टिंग पूछते हुए दिखाई दे रहे हैं।
पीएम मोदी पर भी उठाए सवाल
उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी महाराष्ट्र यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि अगर मोदी चुनाव प्रचार के लिए राज्य में आते हैं, तो उनके साथ भी यही जांच प्रक्रिया लागू की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि ये नियम सभी नेताओं पर समान रूप से लागू होने चाहिए, चाहे वह केंद्र के हों या राज्य के।
चुनाव आयोग की सफाई
चुनाव आयोग के अधिकारियों ने इस प्रक्रिया को पूरी तरह से मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का हिस्सा बताया और कहा कि यह किसी विशेष व्यक्ति को निशाना बनाने के लिए नहीं किया जा रहा है। पिछले चुनावों में भी कई नेताओं, जैसे कि बीजेपी के अमित शाह और जेपी नड्डा के बैग की जांच की जा चुकी है।
चुनाव आयोग का कहना है कि यह जांच प्रक्रिया चुनावों की निष्पक्षता और पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिए की जाती है और सभी दलों के नेताओं को इस नियम का पालन करना चाहिए।