कांग्रेस ने महाराष्ट्र चुनाव में मतदाता सूची और मतदान प्रतिशत में गड़बड़ियों का आरोप लगाया है और चुनाव आयोग से मामले की जांच करने की अपील की है। पार्टी ने इस मुद्दे पर व्यक्तिगत सुनवाई की भी मांग की है।
Maharashtra Election: कांग्रेस ने शुक्रवार (29 नवंबर 2024) को चुनाव आयोग को एक पत्र लिखकर हाल ही में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के मतदान और गिनती प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताओं का आरोप लगाया। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर व्यक्तिगत सुनवाई की भी मांग की है। पार्टी ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में मतदाता सूचियों से "मनमाने ढंग से मतदाताओं को हटाया गया और हर विधानसभा क्षेत्र में 10,000 से अधिक मतदाताओं को जोड़ा गया।" कांग्रेस ने यह भी कहा कि "महाराष्ट्र के मतदाता डेटा पर एक पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने भी सवाल उठाए हैं।"
कांग्रेस ने उठाए सवाल
कांग्रेस ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि "मनमाने ढंग से हटाने और जोड़ने की इस प्रक्रिया की वजह से जुलाई 2024 से नवंबर 2024 के बीच महाराष्ट्र में मतदाता सूची में लगभग 47 लाख नए मतदाता शामिल किए गए।" पार्टी ने दावा किया कि "जिन 50 विधानसभा क्षेत्रों में औसतन 50,000 नए मतदाता जोड़े गए, उनमें से 47 सीटों पर सत्ताधारी गठबंधन और उसके सहयोगियों ने जीत दर्ज की।" कांग्रेस का कहना है कि इस प्रकार की अनियमितताएं चुनावी निष्पक्षता पर सवाल उठाती हैं।
मतदान प्रतिशत में अप्रत्याशित वृद्धि पर सवाल
कांग्रेस ने चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों पर भी सवाल उठाए। पार्टी का कहना है कि 21 नवंबर 2024 को शाम 5 बजे तक महाराष्ट्र में मतदान प्रतिशत 58.22% था, जो रात 11:30 बजे तक अचानक बढ़कर 65.02% हो गया। इसके बाद, अंतिम रिपोर्ट में 66.05% मतदान दर्ज किया गया, जो मतगणना शुरू होने से कई घंटे पहले घोषित किया गया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सिर्फ एक घंटे के भीतर, यानी शाम 5 बजे से 6 बजे के बीच, लगभग 76 लाख वोट डाले गए, जो चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़ा करता है।
ईवीएम की विश्वसनीयता पर जताई आपत्ति
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए। उन्होंने चुनाव आयोग से मतपत्रों का उपयोग करने की मांग की, और कहा, "हमें ईवीएम नहीं, बैलट पेपर चाहिए।" इस बीच, हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने 288 में से 230 सीटों पर जीत हासिल की। बीजेपी ने 132, शिवसेना ने 57 और एनसीपी ने 41 सीटें जीतीं। वहीं, महा विकास अघाड़ी (एमवीए) को केवल 46 सीटें मिलीं, जिनमें कांग्रेस की हिस्सेदारी सिर्फ 16 सीटों की रही।