महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन में खटपट दिखाई दे रही है। कांग्रेस ने महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद पर अपना दावा ठोक दिया है, जिससे गठबंधन में तनाव की स्थिति बन गई है। एमवीए में कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) और एनसीपी (शरद पवार गुट) शामिल हैं, और तीनों दलों ने मिलकर बीजेपी के खिलाफ एकजुटता दिखाई थी।
मुंबई: महाराष्ट्र चुनाव में अब कुछ ही दिन शेष हैं और राजनीतिक दल अपने-अपने उम्मीदवारों के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं। भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति (जिसमें भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट), और अन्य सहयोगी दल शामिल हैं) ने घोषणा की है कि चुनाव के बाद ही मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का खुलासा किया जाएगा। यह रणनीति शायद मतदाताओं में एकजुटता और स्थिरता का संदेश देने के लिए अपनाई गई हैं।
दूसरी ओर महा विकास आघाड़ी (एमवीए), जिसमें कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) और एनसीपी (शरद पवार गुट) शामिल हैं, में मुख्यमंत्री पद को लेकर असहमति की खबरें सामने आ रही हैं। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री पद पर अपना दावा ठोकते हुए एमवीए के भीतर तनाव बढ़ा दिया है। इससे पहले शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता उद्धव ठाकरे ने भी सीएम पद के चेहरे की घोषणा की मांग की थी, परंतु तब इसे टाल दिया गया था। अब कांग्रेस की सीएम पद की दावेदारी ने गठबंधन में एक बार फिर विवाद पैदा कर दिया हैं।
'CM तो हमारा ही होगा' - कांग्रेस
महाराष्ट्र चुनाव से पहले कांग्रेस ने मुख्यमंत्री पद के लिए अपना दावा ठोका है, जिससे महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन में एक नया विवाद उभर आया है। कांग्रेस के इस दावे से गठबंधन के भीतर तनाव बढ़ गया है। इससे पहले, जब उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद के लिए चेहरे की घोषणा की मांग की थी, तो शरद पवार और कांग्रेस ने इससे इनकार कर दिया था और उन्हें इस मुद्दे पर झटका दिया था।
अब कांग्रेस ने सीएम पद के लिए अपनी दावेदारी पेश की है, जिससे गठबंधन के अंदर अंदरूनी खींचतान और बढ़ने की संभावना है। यह इस बात का संकेत है कि एमवीए के तीन प्रमुख दल कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव गुट) और एनसीपी अपने अपने हितों को लेकर एकजुट नहीं हैं। चुनाव से पहले सीएम पद के लिए इस तरह की दावेदारी से यह स्थिति और जटिल हो सकती है, और यह एमवीए के लिए एक बड़ा मुद्दा बन सकता हैं।
चव्हाण ने भाजपा पर साधा निशाना
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के नेतृत्व में होने वाली संभावित जीत के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए कांग्रेस के दावे को मजबूत किया है। चव्हाण का कहना है कि अगर महाविकास अघाड़ी को जीत मिलती है, तो मुख्यमंत्री कांग्रेस का ही होगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्हें भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के वरिष्ठ नेताओं से भाजपा में शामिल होने का प्रस्ताव मिला था, जिसे उन्होंने मना कर दिया और कांग्रेस में ही रहने का निर्णय लिया।
इसके अलावा, चव्हाण ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा अब होर्डिंग्स के जरिए लोगों को भ्रमित करने का काम कर रही है और झूठे वादे कर रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा ने पिछली सरकार में कोई काम नहीं किया और उन वादों को पूरा नहीं किया जिनका जिक्र प्रचार में किया गया था।
कांग्रेस के इस दावे के बाद अब शिवसेना (उद्धव गुट) का प्रतिक्रिया आना संभव है। माना जा रहा है कि उद्धव ठाकरे की पार्टी इसका विरोध कर सकती है, क्योंकि मुख्यमंत्री पद के लिए कांग्रेस का दावा उनके लिए एक चुनौती हो सकता है। इस स्थिति में शिवसेना (यूबीटी) अपनी स्थिति स्पष्ट कर सकती है, और गठबंधन के भीतर के मतभेद और विवाद और अधिक उभर सकते हैं।