महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर चल रही चर्चा के बीच, शिवसेना अध्यक्ष एकनाथ शिंदे ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात के दौरान छह महीने के लिए मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव रखा। हालांकि, भाजपा नेताओं ने इस प्रस्ताव को सिरे से नकार दिया।
मुंबई: महाराष्ट्र में सरकार गठन की प्रक्रिया तेज हो गई है और पांच दिसंबर को मुंबई के आजाद मैदान में मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह होगा। हालांकि, मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर अभी कोई आधिकारिक निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन यह निश्चित है कि मुख्यमंत्री भाजपा से होगा। आज भाजपा विधायक दल की बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षकों की उपस्थिति में विधायक अपना नेता चुनेंगे, जो महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री होंगे।
इस बीच, शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने भाजपा से छह महीने के लिए मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग की थी, लेकिन भाजपा ने उनकी यह मांग खारिज कर दी। 28 नवंबर को एकनाथ शिंदे ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा नेतृत्व से मुलाकात की थी, जिसमें भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस, एनसीपी प्रमुख अजित पवार और अन्य नेताओं की मौजूदगी रही।
एकनाथ शिंदे ने भाजपा के सामने रखा एक नया प्रस्ताव
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि एकनाथ शिंदे ने भाजपा नेतृत्व के सामने छह महीने के लिए मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव रखा था। शिंदे का कहना था कि अगर पूरे कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री पद देना संभव नहीं है, तो पहले छह महीने के लिए यह पद दिया जाए। हालांकि, भाजपा नेतृत्व ने शिंदे का यह प्रस्ताव बातचीत के दौरान ही खारिज कर दिया। भाजपा का मानना था कि इस तरह की व्यवस्था से गलत मिसाल स्थापित होगी और इसका प्रशासन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। भाजपा ने स्पष्ट रूप से कहा कि छह महीने के लिए मुख्यमंत्री नियुक्त करने की कोई व्यवस्था नहीं हैं।
भाजपा नेता ने किया सवाल
मीडिया रिपोर्ट मुताबिक, एकनाथ शिंदे ने भाजपा नेतृत्व को विधानसभा चुनाव से पहले किए गए एक कथित वादे को याद दिलाया, जिसमें कहा गया था कि यदि बहुमत मिलता है, तो वह मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे। हालांकि, भाजपा ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पार्टी ने लगभग बहुमत हासिल कर लिया है, इसलिए सीएम पद देना गलत होगा।
भा.ज.पा. नेता ने शिंदे से कहा कि वे खुद को भाजपा अध्यक्ष की जगह रखकर सोचें। इसके बाद भाजपा नेतृत्व ने यह सवाल किया कि अगर शिंदे को स्पष्ट बहुमत मिला होता, तो क्या वे मुख्यमंत्री पद छोड़ देते? इस सवाल से शिंदे हैरान रह गए। दिल्ली में भाजपा नेतृत्व से मुलाकात के अगले दिन, एकनाथ शिंदे अपने पैतृक गांव सतारा चले गए थे, जहां शिवसेना नेताओं ने उनके खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया। वहां से लौटने के बाद शिंदे ठाणे पहुंचे और अस्पताल में जांच कराने के बाद मंगलवार को मुंबई अपने आवास लौट आए।