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UP MLC Election 2025: यूपी में सियासी बिसात बिछनी शुरू, बीजेपी में टिकट की मार

UP MLC Election 2025: यूपी में सियासी बिसात बिछनी शुरू, बीजेपी में टिकट की मार

उत्तर प्रदेश की सियासत एक बार फिर गर्माने लगी है। अगले साल होने वाले एमएलसी (MLC) चुनाव 2025 को लेकर राजनीतिक दलों ने तैयारी शुरू कर दी है। जहां समाजवादी पार्टी ने कई प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया है, वहीं भारतीय जनता पार्टी में टिकट को लेकर अंदरूनी खींचतान तेज हो गई है। 

UP Mlc Election: उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले 11 विधान परिषद (एमएलसी) सीटों के चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। सभी प्रमुख दलों ने अपनी-अपनी रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। सपा और कांग्रेस ने कई सीटों पर अपने संभावित प्रत्याशियों के नामों की घोषणा भी कर दी है। वहीं भाजपा में टिकट के दावेदारों की लंबी कतार लग चुकी है, जिससे पार्टी नेतृत्व के सामने चयन की चुनौती बढ़ गई है।

इस बार की खास बात यह है कि कांग्रेस भी पूरे दमखम के साथ मैदान में उतरने की तैयारी में है। पार्टी संगठन स्तर पर मजबूती के साथ चुनावी समीकरण साधने की कोशिश कर रही है और मजबूत प्रत्याशियों की तलाश में जुटी है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि कांग्रेस की सक्रियता से यह मुकाबला और भी दिलचस्प और बहुकोणीय हो सकता है। आने वाले हफ्तों में सभी दल अपने उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप देंगे, जिसके बाद प्रदेश की सियासत में नई हलचल देखने को मिलेगी।

11 सीटों पर होगा मुकाबला

उत्तर प्रदेश की 11 विधान परिषद (MLC) सीटों के लिए अगले साल चुनाव होंगे। इनमें शिक्षक (Teachers) और स्नातक (Graduates) दोनों श्रेणियों की सीटें शामिल हैं। इनमें प्रमुख क्षेत्र हैं —

  • मेरठ-गाजियाबाद
  • बरेली-मुरादाबाद
  • आगरा-अलीगढ़
  • लखनऊ-सीतापुर
  • वाराणसी-मीरजापुर
  • झांसी-प्रयागराज (इलाहाबाद)
  • गोरखपुर-फैजाबाद

वर्तमान में इन सीटों पर भाजपा, सपा और कुछ निर्दलीय प्रत्याशी काबिज हैं। भाजपा के पास इस समय सबसे अधिक सीटें हैं, जबकि वाराणसी-मीरजापुर और झांसी-इलाहाबाद की सीटों पर सपा का दबदबा है।

सपा ने बढ़ाई रफ्तार, उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी

सत्ता से बाहर होने के बावजूद समाजवादी पार्टी (SP) ने एमएलसी चुनाव को लेकर सबसे पहले अपनी रणनीति स्पष्ट की है। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर कई सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी गई है।

  • आगरा शिक्षक सीट से डॉ. चंद्र प्रकाश गुप्ता
  • आगरा स्नातक सीट से शशांक यादव
  • मेरठ-गाजियाबाद स्नातक सीट से प्रमोद भाटी
  • मेरठ-गाजियाबाद शिक्षक सीट से नितिन तोमर
  • बरेली-मुरादाबाद शिक्षक सीट से हाजी मोहम्मद दानिश अली अख्तर
  • लखनऊ-सीतापुर स्नातक सीट से कांति सिंह
  • लखनऊ-सीतापुर शिक्षक सीट से सुशील सिंह
  • वाराणसी-मीरजापुर में सपा ने अपने वर्तमान एमएलसी लाल बिहारी यादव (शिक्षक) और आशुतोष सिन्हा (स्नातक) पर फिर भरोसा जताया है।

झांसी-इलाहाबाद स्नातक सीट से मौजूदा एमएलसी मान सिंह यादव को दोबारा टिकट दिया गया है। अखिलेश यादव की रणनीति साफ है — पुराने, लोकप्रिय और जमीनी कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता देकर पार्टी का जनाधार मजबूत करना।

भाजपा में टिकट के लिए मचा घमासान

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अभी तक उम्मीदवारों की औपचारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन संगठन के अंदर टिकट की होड़ शुरू हो चुकी है।

  • लखनऊ सीट से उमेश द्विवेदी और डॉ. महेंद्र नाथ राय दावेदार हैं।
  • इलाहाबाद (प्रयागराज) से अशोक राठौर, यज्ञदत्त शर्मा, मलय शर्मा और सुरेश त्रिपाठी मैदान में हैं।
  • गोरखपुर से ध्रुव त्रिपाठी, अजय सिंह और संजय त्रिपाठी दावेदारी कर रहे हैं।
  • मेरठ शिक्षक सीट से वर्तमान एमएलसी श्रीचंद्र शर्मा सबसे मजबूत दावेदार हैं।
  • आगरा-अलीगढ़ स्नातक सीट पर निर्दलीय एमएलसी आकाश अग्रवाल भी इस बार भाजपा से टिकट की कोशिश में हैं।
  • बरेली से संजय मिश्रा और हरि सिंह ढिल्लो टिकट की दौड़ में हैं।
  • वाराणसी से चेतनारायण सिंह, रमेश सिंह और राणा प्रताप सिंह दावेदार हैं, जबकि स्नातक सीट पर कुश्ती संघ अध्यक्ष संजय सिंह का नाम चर्चा में है।

भाजपा की रणनीति है कि शिक्षक और स्नातक वोटरों के बीच विकास कार्यों और डबल इंजन सरकार के एजेंडे को प्रमुखता से रखा जाए।

कांग्रेस की वापसी की तैयारी — सपा और भाजपा के बीच बनेगी “किंगमेकर”?

पिछले कुछ एमएलसी चुनावों में कांग्रेस ने सीमित सक्रियता दिखाई थी, लेकिन इस बार समीकरण बदले हैं। कांग्रेस इस चुनाव को राजनीतिक पुनरुद्धार (Political Comeback) के अवसर के रूप में देख रही है। लखनऊ से देवमणि त्रिपाठी को टिकट दिया गया है, जिनका प्रतापगढ़ और अमेठी में मजबूत संगठनात्मक नेटवर्क है।

वाराणसी से अरविंद सिंह पटेल मैदान में हैं, जो प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के करीबी माने जाते हैं। वाराणसी शिक्षक सीट से संजय प्रियदर्शी को प्रत्याशी बनाया गया है। मेरठ स्नातक सीट से विक्रांत वशिष्ठ त्यागी कांग्रेस का चेहरा होंगे। कांग्रेस का लक्ष्य है — सपा और भाजपा के बीच “तीसरी ताकत” बनकर उभरना। इसके लिए पार्टी शिक्षक संघों, युवा वर्ग और छात्र संगठनों से संपर्क अभियान चला रही है।

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