महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद को लेकर जारी चर्चा के बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने एक बयान में कहा है कि उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी से कोई व्यक्तिगत महत्व नहीं है और वे केवल महाराष्ट्र की जनता के हित में काम करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
मुंबई: महाराष्ट्र में महायुति (भाजपा, शिवसेना, और एनसीपी के गठबंधन) ने हालिया विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत हासिल किया है। लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर विवाद जारी है। वर्तमान मुख्यमंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने अपने बयान में कहा कि महायुति के सहयोगी दलों में कोई भेदभाव नहीं है, और सभी को बराबर महत्व दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ज्यादा सीट जीतने का मतलब यह नहीं कि मुख्यमंत्री पद भी तय हैं।
शिंदे ने यह भी कहा कि उनकी प्राथमिकता गठबंधन सरकार को सुचारु रूप से चलाना और जनता के विश्वास पर खरा उतरना है। उन्होंने महायुति के साथ मिलकर आगे का फैसला लेने की बात कही। इसके साथ ही उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि महाविकास अघाड़ी अपने नेतृत्व को लेकर ही एकमत नहीं है, जबकि महायुति में सामंजस्य हैं।
'मैं जनता का मुख्यमंत्री हूं'- एकनाथ शिंदे
शिवसेना नेता और महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में खुद को "जनता का मुख्यमंत्री" बताया। उन्होंने कहा, "मैं हमेशा यह कहता हूं कि मैं मुख्यमंत्री होने के साथ-साथ एक आम आदमी भी हूं। मैं लोगों की समस्याओं को न केवल जानता हूं बल्कि उन्हें समझता भी हूं। मैंने उनकी समस्याओं को हल करने के लिए हर संभव प्रयास किया है। इसी वजह से लोग मानते हैं कि मुझे ही मुख्यमंत्री बनना चाहिए।"
इस बयान के जरिए शिंदे ने जनता के साथ अपनी निकटता और उनकी समस्याओं को सुलझाने की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। यह बयान ऐसे समय में आया है जब महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद को लेकर महायुति गठबंधन के भीतर खींचतान चल रही हैं।
बीजेपी नेता प्रवीण दरेकर ने कहा
महाराष्ट्र में महायुति सरकार के गठन को लेकर भाजपा नेता प्रवीण दरेकर ने एक बयान में कहा कि गठबंधन के भीतर कोई मतभेद नहीं है, बल्कि तीनों दल (भाजपा, शिवसेना, और अजित पवार गुट की एनसीपी) समन्वय और तालमेल के साथ काम कर रहे हैं। दरेकर ने घोषणा की कि महायुति की सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 5 दिसंबर को होगा, और तीनों पार्टियों के नेता इस समारोह में शपथ लेंगे।
उन्होंने एकनाथ शिंदे से जुड़े विवादों पर कहा कि वह जब आराम करना चाहते हैं, तो गांव चले जाते हैं, और इसे राजनीतिक मुद्दा बनाना अनुचित है। दरेकर ने यह भी कहा कि अगर तीनों पार्टियां साथ मिलकर नहीं चलेंगी, तो जनता में गलत संदेश जाएगा, और यह सभी दलों के नेताओं को स्पष्ट रूप से समझ में हैं।