Manipur: मणिपुर में कानून-व्यवस्था बहाली की कोशिशें तेज, लोगों ने सरेंडर किए 42 हथियार

Manipur: मणिपुर में कानून-व्यवस्था बहाली की कोशिशें तेज, लोगों ने सरेंडर किए 42 हथियार
अंतिम अपडेट: 23 घंटा पहले

मणिपुर में राज्यपाल के अल्टीमेटम के बाद लोगों ने 42 से अधिक अवैध हथियार सरेंडर किए। राष्ट्रपति शासन के बाद कानून-व्यवस्था बहाल करने की कोशिश जारी, अमित शाह ने बैठक की।

Manipur: राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद मणिपुर में हालात धीरे-धीरे सामान्य होते दिख रहे हैं। राज्यपाल के अल्टीमेटम के बाद लोग अवैध और लूटे गए हथियारों को जमा कर रहे हैं। अब तक पांच जिलों में 42 से अधिक हथियार सरेंडर किए गए हैं। सुरक्षाबलों ने कई अवैध बंकरों को भी नष्ट किया है।

पांच जिलों में सरेंडर किए गए हथियार

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, चुराचांदपुर, बिष्णुपुर और तामेंगलोंग जिलों में लोगों ने हथियार जमा कराए हैं। बिष्णुपुर जिले में दो पिस्तौल, छह ग्रेनेड और 75 से अधिक कारतूसों सहित पांच आग्नेयास्त्र जमा हुए हैं। वहीं, तामेंगलोंग जिले के कैमाई पुलिस स्टेशन में 17 देशी बंदूक, 9 पोम्पी और कारतूस सरेंडर किए गए हैं।

पुलिस थानों में भी जमा हो रहे हथियार

याइंगंगपोकपी, पोरोमपट, चुराचांदपुर और लामसांग पुलिस थानों में भी 10 आग्नेयास्त्र और कारतूस जमा कराए गए हैं। इसके अलावा, सुरक्षाबलों ने कांगपोकपी जिले के मार्क हिल में दो और वाकन पहाड़ी रेंज में तीन अवैध बंकरों को ध्वस्त किया है।

भारी मात्रा में बरामद हुए हथियार

इंफाल पश्चिम जिले के सैरेमखुल में तलाशी अभियान के दौरान भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद हुए हैं। इनमें 20 राउंड गोला-बारूद से भरी एक मैगजीन, एक इंसास एलएमजी, एक एके-56 राइफल, तीन एसएलआर राइफल, एक 9एमएम कार्बाइन, एक .303 राइफल, एक डीबीबीएल गन, बिना डेटोनेटर के चार ग्रेनेड और एक चीनी हथगोला शामिल हैं।

6 मार्च तक हथियार सरेंडर करने का अल्टीमेटम

मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने 20 फरवरी को हिंसा में शामिल समूहों को सात दिनों के भीतर लूटे गए और अवैध हथियार जमा करने का आदेश दिया था। लोगों की मांग के बाद इस समय सीमा को बढ़ाकर 6 मार्च कर दिया गया। घाटी के जिलों में अब तक 300 से अधिक हथियार सरेंडर किए जा चुके हैं।

राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद बदले हालात

मणिपुर में मई 2023 में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें अब तक 250 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग बेघर हो चुके हैं। हालात बिगड़ने के चलते पिछले महीने मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद 13 फरवरी को राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया। अब प्रशासन शांति और कानून-व्यवस्था बहाल करने की कोशिशों में जुटा है।

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